लोगों को रुला गए आईपीएस हर्षवर्धन सिंह
सोनवर्षा राज के फतेहपुर गांव में आईपीएस हर्षवर्धन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ हुआ। वह पहली पोस्टिंग के लिए जा रहे थे जब सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। उनके छोटे भाई ने उन्हें मुखाग्नि...
सोनवर्षा राज। सोनवर्षा राज के पड़रिया पंचायत अन्तर्गत फतेहपुर पड़रिया गांव में आईपीएस हर्षवर्धन सिंह का मंगलवार की सुबह राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मंगलवार की सुबह 2023 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी हर्ष वर्धन की रविवार की शाम पहली पोस्टिंग पर योगदान देने के लिए जाने के दौरान सड़क हादसे में मौत हो गई थी। मृतक का शव मंगलवार की अहले सुबह अपने गांव पहुंचा। जहां अपने गांव और इलाके का नाम रोशन करने वाले युवा आईपीएस के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मौत की खबर आते हीं पूरे इलाके का माहौल गमगीन हो गया। मंगलवार को मृतक आईपीएस के छोटे भाई आईआईटी इंजिनियर आनंद वर्धन ने अपने बड़े भाई को मुखाग्नि दी। होनहार युवा आईपीएस की मौत से सभी मायूस थे। सभी लोगों की आंखे नम थीं।
अंतिम संस्कार में कोसी डीआईजी मनोज कुमार, एसपी हिमांशु,प्रभारी डीएम संजय निराला,एसडीओ प्रदीप झा, सिमरीबख्तियारपुर एसडीपीओ मुकेश ठाकुर, इंस्पेक्टर, सोनवर्षा थानाध्यक्ष जयशंकर कुमार, काशनगर थानाध्यक्ष विक्की रविदास, सीओ सौरभ कुमार सहित कर्नाटक और मध्यप्रदेश के कई वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे। मालूम हो कि कर्नाटक कैडर के 2023 बैच के आईपीएस हर्षवर्धन सिंह रविवार को प्रशिक्षण पूरी होने के बाद कर्नाटक के हासन जिले में हिसाल अपर पुलिस अधीक्षक पद पर सरकारी कार से अपनी पहली पोस्टिंग पर योगदान देने के लिए जा रहे थे। जहां मुख्य सड़क मार्ग पर सड़क सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई।
जनप्रतिनिधियों ने जताया शोक: आईपीएस अधिकारी हर्ष के असमायिक निधन पर बिहार सरकार के मंत्री व स्थानीय विधायक रतनेश सादा, नीरज कुमार बबलू, पूर्व मंत्री व विधायक डॉ आलोक रंजन, पूर्व मंत्री अशोक कुमार सिंह, सोनवर्षा के पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृत आत्मा को शांति प्रदान करते की कामना किया है। वहीं सोनवर्षा नगर पंचायत अध्यक्ष मनीष कुमार, मुखिया प्रतिनिधि मनोज कुमार शर्मा, पंसस जिलाध्यक्ष आजाद कुमार, जदयू व्यवसायिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजीव कुमार सिंह मुन्ना, ललित यादव, धीरज कुमार पंकज, अरूण केडिया, श्याम बिहारी केडिया, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष सुरेन्द्र नारायण सिंह, जदयू प्रखंड अध्यक्ष जय कुमार सिंह, राजद प्रखंड अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह मुन्ना रौशन यादव, अजय यादव, राहुल कुमार, विजय बंसत, अरूण कुमार सिंह, सोना सिंह, किशलय पप्पू यादव सहित अन्य मौजूद रहे।
अंतिम दर्शन के लिए लगी रही भीड़ : फतेहपुर गांव में मंगलवार को कहीं भी वाहन खडी करने के लिए जगह नहीं था।पुलिस पदाधिकारी से लेकर वरीय अधिकारियों के साथ साथ रिश्तेदार व आमजनों के वाहन की लंबी कतार लगी हुई थी।आईपीएस हर्ष के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए न केवल फतेहपुर बल्कि पडरिया, अरसी,मैना, काशनगर सहित विभिन्न गांव के लोगों की भीड़ जुटी हुई थी।महिला पुरूष बच्चे बूढे सभी ने एक झलक देखने के लिए आस लगाए थे।आम हो या खास हर कोई अंतिम दर्शन के लिए इंतजार कर रहे थे।
देश सेवा करने का सपना रह गया अधूरा : सोनवर्षा राज। कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी हर्षवर्धन सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार की सुबह उनके पैतृक गांव सोनवर्षाराज के पडरिया पंचायत अन्तर्गत फतेपुर गांव पहुंचा।
शव के पहुंचते ही क्षेत्र में लोगों को खबर मिली तो क्षेत्र के लोग पार्थिव शरीर को देखने पहुंचने लगी। शव पहुंचने की जानकारी मिलते हीं पुलिस और प्रशासन के पदाधिकारी भी गांव पहुंच गए थे। परिजनों और रिश्तेदारों समेत स्थानीय लोगो की आंखे नम थी।
सरल स्वभाव व मेधावी हर्ष आईपीएस बनने से पहले दो सरकारी नौकरी से इस्तीफा दिया था।हर्ष के आंखो में आईपीएस बनने और देश की सेवा करने का सपना था। इसलिए वह यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। यूपीएससी में सफल होने का सपना तो पूरा हो गया लेकिन आईपीएस बनकर देश की सेवा करने का सपना अधूरा रह गया और पहले योगदान देने से पहले हीं सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। मृतक हर्षवर्धन के चाचा कमलेश के अनुसार, हर्षवर्धन के पिता अखिलेश सिंह मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एसडीएम है। जबकि छोटे भाई आनंदवर्धन आईआईटी इंजीनियर है।
आनंदवर्द्धन भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। चाचा कमलेश सिंह ने बताया कि हर्षवर्धन ने इंदौर एनआईटी से बीटेक किया था। हर्षवर्धन की पूरी पढ़ाई मध्य प्रदेश से हुई थी। पिता अखिलेश सिंह के प्रशासनिक अधिकारी रहने के कारण पूरा परिवार वर्षों से मध्य प्रदेश में ही रहता था।वही पिता अखिलेश सिंह ने बताया कि दोनों भाइयों का जन्म भी मध्य प्रदेश में ही हुआ था। हर्षवर्धन के छोटे भाई आनंदवर्धन भी आईआईटी दिल्ली से की पढ़ाई पूरी कर यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। हर्षवर्धन करीब 2 महीने पंचायत राज पदाधिकारी के रूप में पूर्णिया जिले के बायसी में प्रशिक्षण ले रहे थे। इसी दौरान उनका यूपीएससी का रिजल्ट आ गया था। इंटरव्यू में सफल होने के बाद उन्होंने बिहार सरकार की नौकरी छोड़ दी थी।
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