ऑनलाइन उपस्थिति में भी विभाग को गच्चा दे रहे गुरुजी
सहरसा में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कुछ शिक्षक एक ही फोटो का बार-बार उपयोग कर उपस्थिति दर्ज कर रहे थे। शिक्षा विभाग ने इस पर सख्त निर्देश जारी किए हैं...
सहरसा, हिन्दुस्तान संवाददाता। ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली में शिक्षक धोखाधड़ी कर रहे हैं। शिक्षकों द्वारा दैनिक उपस्थिति में छेड़छाड़ से संबंधित मामले पर विभाग सख्त निर्देश जारी किया है। जिसके तहत जिला शिक्षा विभाग ने इस कार्य के अनुश्रवण हेतु पदाधिकारी को नामित करते सभी पदाधिकारी को निर्देश दिया है। विभाग को जांच अवलोकन में पता चला कि कई शिक्षकों ने एक ही फोटोग्राफ बार-बार, कई दिनों तक किया अपलोड किया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उक्त शिक्षक उन दिनों विद्यालय में उपस्थित नहीं थे और किसी अन्य व्यक्ति ने पहले से खींचे गए फोटोग्राफ का उपयोग कर उपस्थिति दर्ज की है। शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली दिनांक 1 सितंबर 24 से लागू की गई है। यह शिक्षकों के लिए अनिवार्य है कि वे विद्यालय परिसर के 500 मीटर के भीतर ही उपस्थिति दर्ज करें और ई-शिक्षाकोष मोबाइल ऐप पर परिसर के 500 मीटर के भीतर का लाइव फोटोग्राफ खींचकर अपलोड करें। यह ध्यान देने योग्य है कि ये फोटोग्राफ स्थायी रूप से विभागीय डेटाबेस में संग्रहीत होते हैं और कभी भी देखे जा सकते हैं।
शिक्षा निदेशक (प्रशासन)-सह-अपर सचिव ने निर्देश पत्र में कहा कि विभाग के संज्ञान में यह गंभीर बात आई है कि कुछ शिक्षकों द्वारा इस ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली में धोखाधड़ी करने का प्रयास किया गया है। पहले से खींचे गए फोटोग्राफ का उपयोग कर उपस्थिति दर्ज करते है। इसके अतिरिक्त यह भी देखा गया है कि कुछ शिक्षक अपनी उपस्थिति प्रणाली में विद्यालय परिसर के बाहर जैसे खेत या अन्य स्थानों से अस्पष्ट फोटोग्राफ अपलोड कर रहे हैं। विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कृत शिक्षक आचरण संहिता का उल्लंघन है और एक गंभीर अपराध है।
फोटोग्राफ डेटाबेस में संग्रहीत की विस्तारपूर्वक होगी जांच : निदेशक ने कहा कि विभाग में 1 सितम्बर 24 से ही प्रतिदिन के फोटोग्राफ डेटाबेस में संग्रहीत हैं और उनकी विस्तारपूर्वक जांच की जाएगी। दैनिक उपस्थिति में छेड़छाड़ गंभीर कदाचार के श्रेणी में आता है। यदि किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो दोषी शिक्षकों के विरूद्ध बिहार सरकारी सेवक नियमावली तहत कार्रवाई की जाएगी।
संदिग्ध मामलों की करें रिपोर्ट अन्यथा बीईओ की मानी जाएगी संलिप्तता: सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि उपस्थिति पर लगातार निगरानी रखें तथा अनुश्रवण करें। शिक्षकों के उपस्थिति डेटा और शिक्षकों द्वारा अपलोड किए गए दैनिक आगमन और प्रस्थान फोटोग्राफ की गहन जांच समय-समय पर करें तथा सभी संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट विभाग को शीघ्र उपलब्ध करायें। साथ ही संबंधित विद्यालय के निरीक्षणकर्ता द्वारा यदि इस बात को संज्ञान में नहीं लाया जाता है तो यह माना जायेगा की इस तरह के कृत में निरीक्षणकर्ता की भी सहभागिता है तथा इन्हे इस अपराध/कृत के लिए दण्डात्मक (सेवामुक्ति आवश्यक्तानुसार) कार्यवाई की जाएगी। साथ ही साथ संबंधित प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी की भी संलिप्तता मानी जायेगी।
जिला से अब उपस्थिति का होगा अनुश्रवण, पदाधिकारी प्राधिकृत: डीईओ ने शिक्षकों की उपस्थिति संबंधित कार्य के अनुश्रवण के लिए सचिन कुमार सिंह, जिला परियोजना प्रबंधक को प्राधिकृत किया है। जिला स्तर पर अभिलाष रंजन, प्रोग्रामर (डीपीएम) एवं प्रखंड स्तर पर सभी प्रखंड परियोजना प्रबंधक, जिला-सहरसा को निर्देशित किया गया है कि इस कार्य में जिला परियोजना प्रबंधक को सहयोग करने का निर्देश दिया है।
जिला परियोजना प्रबंधक ने कहा कि डीईओ के निर्देश पर जांच शुरू कर दी गई है।
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