हवाई अड्डा से हवाई परिचालन का रास्ता साफ, बिहार कैबिनेट में लगी मुहर
सहरसा हवाई अड्डा को उड़ान योजना के तहत छोटे हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने के लिए बिहार कैबिनेट ने एमओयू को मंजूरी दी है। इससे हवाई सफर शुरू होगा और स्थानीय निवासियों को आवागमन में सुविधा मिलेगी।...

सहरसा, नगर संवाददाता। उड़ान योजना में शामिल सहरसा हवाई अड्डा से हवाई सफर शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। बिहार कैबिनेट की बैठक में सहरसा हवाई अड्डा को उड़ान योजना के तहत छोटे हवाई अड्डा के रूप में विकसित करने के लिए भरतीय विमान पत्तन प्राधिकरण नई दिल्ली और राज्य सरकार के बीच एमओयू की स्वीकृति दी गयी है। जिसके बाद सहरसा हवाई अड्डा का विकास और हवाई सफर शुरू करने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। इस समझौते के बाद अब बहुत जल्द ही आने वाले समय में सहरसा में हवाई अड्डे का निर्माण होगा। जिससे सहरसा एवं आसपास क्षेत्र के यात्रियों को आवागमन में सुविधा होगी।
उड़ान योजना के तहत सहरसा हवाई अड्डे का छोटे हवाई अड्डा के रूप में विकास के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य सरकार के बीच समझौता होने से हवाई अड्डा का निर्माण एवं आधारभूत संरचना को विकसित करने में मदद मिलेगी। हवाई अड्डा का निर्माण होने से राज्य एवं स्थानीय निवासियों को हवाई आवागमन एवं आर्थिक विकास में मदद मिलेगा। सहरसा के अलावा बिहार कैबिनेट में मधुबनी, वीरपुर, मुंगेर, बाल्मीकि नगर और मुजफ्फरपुर स्थित हवाई अडडे के विकास के लिये स्वीकृति मिली है। 20 सीटों से कम क्षमता वाले विमान ही भरेंगे उड़ान: पूर्व में ही 20 सीटों से कम क्षमता वाले छोटे विमान के उड़ानों के संचालन के लिए एयरलाइंस ने निविदाएं जमा कर दी है। सहरसा हवाई अड्डा से 20 सीटों से कम क्षमता वाले विमान ही चलेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी वर्ष प्रगति यात्रा के दौरान उड़ान योजना के तहत छोटे एयरपोर्ट की स्थापना के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश राज्य सरकार के अधिकारियों को दिये थे। हवाई अड्डे के विकास और हवाई सफर शुरू होने पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों के विकास में मदद मिलेगी तथा बड़े पैमाने पर रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। इससे पहले फरवरी महीने में पटना से आयी टीम द्वारा हवाई अड्डे का निरीक्षण भी किया गया था। छह सदस्यीय टीम ने लिया था जायजा: एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की छह सदस्यीय टीम ने बीते महीने हीं सहरसा हवाई अड्डा का निरीक्षण किया था। टीम में प्लानिंग, ऑपरेशन, आर्किटेक्चर और एटीसी विभाग के अधिकारी शामिल थे। छह सदस्यीय टीम ने हवाई अड्डा के रनवे, चाहरदीवारी और भूमि की उपलब्धता का निरीक्षण किया। वर्तमान में हवाई पट्टी की रनवे लंबाई 854 मीटर है। भूमि उपलब्धता के अनुसार रनवे को 22 सौ मीटर तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। हालांकि सहरसा कोर्ट भवन की बहुमंजिला इमारत को हवाई उड़ान में थोड़ा बाधक माना जा रहा है। इसके विकल्प पर भी विचार विमर्श जारी है। हवाई नक्शे पर दिखेगा सहरसा: केंद्र सरकार की उड़ान योजना के तहत छोटे शहरों को हवाई नक्शे पर लाया जा रहा है। इससे यहां के लोगों की हवाई यात्रा और आसान हो जाएगी। सहरसा सहित वीरपुर, भागलपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वाल्मीकिनगर, मोतिहारी, रक्सौल, मधुबनी, छपरा आदि शहरों के लिए उड़ान 5.2 योजना के तहत बोलियां मिल चुकी हैं। इन शहरों से शुरुआत में 20 सीटर से कम क्षमता वाले विमान उड़ान भरेंगे। सहरसा हवाई अड्डा से विमान परिचालन को लेकर काफी समय से मांग की जा रही थी। सहरसा हवाई अड्डा उड़ान योजना में पहले भी शामिल किया गया था, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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