Hindi Newsबिहार न्यूज़सहरसाRenowned Maithili and Hindi Poet Dr Shanti Suman Passes Away at 80

नहीं रही नवगीत लिखने वाली कासिमपुर की बेटी प्रसिद्ध साहित्यकार शान्ति सुमन

डॉ. शांति सुमन, जो मैथिली और हिंदी साहित्य को नवगीत से सजाने वाली साहित्यकार थीं, का निधन 80 वर्ष की उम्र में जमशेदपुर अस्पताल में हुआ। उन्होंने कई पुरस्कार जीते थे और साहित्य जगत में उनकी कमी महसूस...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहरसाMon, 18 Nov 2024 12:26 AM
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नवहट्टा, एक संवाददाता। मैथिली और हिन्दी साहित्य को नवगीत से सजाने वाली सजग साहित्यकार डा. शान्ति सुमन का बीते शनिवार देर रात 80 वर्ष की उम्र में जमशेदपुर अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी। साहित्य के क्षेत्र में मान बहादुर सम्मान से उन्हें हाल में ही सम्मानित किया गया था। इससे पूर्व उत्तर प्रदेश, दिल्ली सरकार के द्वारा कईपुरस्कार से नवाजा गया था। डा. शान्ति सुमन का जन्म सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड अन्तर्गत कासिमपुर गांव में 15 सितम्बर 1944 को भवनंदन लाल दास और जीवन लता देवी के ज्येष्ठ सन्तान के रूप में हुआ था। छह भाई और तीन बहनों में सबसे बड़ी शान्ति की प्राथमिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई तो सुखपुर हाई-स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की। दिवंगत साहित्यकार के भाई सहरसा व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता पूनम लाल दास बताते हैं कि दीदी की उच्च शिक्षा लंगट सिंह महाविद्यालय मुजफ्फरपुर से हुई जहां से उन्होंने स्नातकोत्तर ओर पीएचडी पूर्ण किया। शिक्षा पूर्ण करने के बाद एम एम डी एम महाविद्यालय मुजफ्फरपुर में हिन्दी की व्याख्याता नियुक्त हुई जहां विभागाध्यक्ष रहते हुए 2004 में सेवानिवृत्त हुई। सेवानिवृत्ति के बाद लगातार जमशेदपुर में रह रही थी । शान्ति सुमन ने मैथिली और हिन्दी साहित्य में नवगीत लेखन से अपना परिचय स्थापित की। ओ प्रतीक्षित, परछाईं टूटती, सुलगते पसीने, पसीने के रिश्ते, मौसम हुआ कबीर, तप रहे कचनार, भीतर-भीतर आग, पंख-पंख आसमान, एक सूर्य रोटी पर, धूप रंगे दिन, नागकेसर हवा आदि हिन्दी में प्रकाशित हिन्दी नवगीत संग्रह तो मैथिली में मेघ इन्द्रनील इनकी प्रकाशित पुस्तक है। इसी तरह कविता संग्रह समय चेतावनी नहीं देता, सूखती नहीं वह नदी के अतिरिक्त जल चुका हिरण उपन्यास लिखने वाली साहित्यकार शान्ति सुमन के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर है। उनके साथ क ई साहित्य मंच पर मौजूद रहें नवहट्टा के युवा साहित्यकार किसलय कृष्ण ने उनकी गांव, गरीबी व पारंपरिक रस्म रिवाज की गहरी समझ की अनुभूति को लेकर प्रशंसा करते हुए कोसी नदी की कछेड़ में बसे गांव से राष्ट्रीय क्षितिज पर चमकने की सफर पर लगें विराम को सम्पूर्ण साहित्य मैथिली जगत के लिए क्षति बताते हुए कहा कि शान्ति सुमन मैथिली साहित्य में नवगीत लिखने वाली विरल रचनाकार थी।

उनके निधन पर सेवानिवृत्त शिक्षक मोहन लाल दास, रणधीर कर्ण, रंगकर्मी एस एस हिमांशु, पूर्व मुखिया मनोज कुमार यादव, सहित शिक्षाविद व समाजसेवी द्वारा शोक व्यक्त किया गया।

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