Hindi Newsबिहार न्यूज़सहरसाNew Automated Driving Testing Track in Saharsa for License Approval

टेस्टिंग ट्रैक पर होंगे सफल तभी बनेगा आपका ड्राइविंग लाइसेंस

सहरसा में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नई व्यवस्था लागू होगी, जिसमें आवेदकों को ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चलाना होगा। अमरपुर में 47 लाख 79 हजार की लागत से अलग-अलग वाहनों के लिए टेस्टिंग...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहरसाSun, 24 Nov 2024 01:19 AM
share Share

सहरसा। टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चलाने में पास होंगे तब ही आपका ड्राइविंग लाइसेंस बनेगा। यह दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया हर तरह के वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के लिए अनिवार्य रहेगा। सहरसा जिले में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों के लिए यह नई व्यवस्था जल्द ही लागू होगी। इसके लिए जिले के कहरा प्रखंड के अमरपुर में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग कार्य किया जाएगा। टेस्टिंग ट्रैक 247 गुना 215 जमीन में बनेगा। जिला परिवहन पदाधिकारी संजीव कुमार ने कहा कि अमरपुर में 47 लाख 79 हजार प्राक्कलित राशि से ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग कार्य किया जाएगा। जिसमें दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहनों के लिए अलग-अलग टेस्टिंग ट्रैक बनाए जाएंगे। कार्यों को करने के लिए भवन निर्माण विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। भवन निर्माण विभाग ने इस कार्य के लिए निविदा निकाल दिया है। ई निविदा से संबंधित कागजात अपलोड करने की अंतिम तिथि 21 दिसंबर 2024 निर्धारित की गई है। तकनीकी बिड खोलने की तिथि 23 दिसंबर 2024 तय की गई है। निविदा प्राप्त एजेंसी को चार माह में कार्यों को पूरा करना होगा।

टेस्टिंग ट्रैक एडवांस टेक्नोलॉजी से रहेगा लैस: ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस रहेगा। जिसमें टेस्टिंग के दौरान ट्रैफिक, सिग्नल, रिवर्स मोड, एक्सेस कंट्रोल, एंट्री, एग्जिट, वीडियो एनालिटिक्स टेक्नोलॉजी सहित अन्य तरह के आधुनिक व्यवस्था रहेंगे।

कैमरे में रिकॉर्ड होता रहेगा पूरा टेस्ट: आवेदकों को तय समय में ट्रैक पर वाहन चलाने से संबंधित टेस्ट देना होगा। हर गतिविधि कैमरे में कैद होगी। सारी व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत रहेगी।

सड़क दुर्घटना में कमी लाने को आएगी यह व्यवस्था: डीएल निर्गत करने से पहले आवेदकों को ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चलाकर परीक्षा लेने की व्यवस्था से दक्ष लोगों को ही डीएल मिल पाएगा। डीटीओ ने कहा कि सड़क दुर्घटना में कमी लाने के उद्देश्य से ऑटोमेटेड ड्राइविंग

टेस्टिंग की व्यवस्था बहाल की जा रही है।

वाहन चलाने में होना पड़ेगा कुशल: ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चलाने की व्यवस्था होने पर डीएल बनाना आसान काम नहीं रहेगा। पहले वाहन चलाने में लोगों को कुशल होना पड़ेगा। उसके बाद ही वे ट्रैक पर कुशल तरीके से वाहन चलाकर पास हो सकेंगे। इसके लिए लोगों को वाहन चलाने का ट्रेनिंग देने वाले स्कूल में जाकर वाहन चलाना सीखना पड़ेगा। खासकर ट्रक, बस जैसे बड़े भारी वाहन चलाने में कुशल चालक के आने से दुर्घटना कम होगी।

आवेदक वाहन चलाने में दक्ष हैं या नहीं होगी जांच: आवेदक वाहन चलाने में दक्ष हैं या नहीं उसकी जांच ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर वाहन चलाकर की जाएगी। अगर आवेदक वाहन चलाने में पास हो जाएगा तो उसे कम्प्यूटरीकृत ड्राइविंग लाइसेंस(डीएल) निर्गत किया जाएगा। फेल होने वाले आवेदक को दोबारा मौका मिलेगा पर उसके लिए समय अवधि निर्धारित रहेगा। बता दें कि अभी शहर के पुलिस लाइन में लर्निंग लाइसेंस निर्गत करने से पहले वाहन चलाकर टेस्ट करने की व्यवस्था है पर वह उतना कारगर नहीं है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें