अनुमंडल कार्यालय के बगल के टोला जाने वाली सड़क है जर्जर
सिमरी बख्तियारपुर। एक प्रतिनिधि अनुमंडल कार्यालय के बगल के ये वार्ड विकास
सिमरी बख्तियारपुर। एक प्रतिनिधि अनुमंडल कार्यालय के बगल के ये वार्ड विकास की राह देख रही है। प्रखंड मुख्यालय के से अनुमंडल के बगल के मधुबन होते हुए खम्होती गांव जाने वाली ये सड़क वर्षों से जर्जर है। सड़क पर बड़े बड़े गढ़े बन गया है। विकास के नाम पर यह वार्ड अब तक अछूता है। वार्ड में साफ-सफाई तो होती है, लेकिन रात होते है ये वार्ड अंधेरे में डूब जाता है। इस वार्ड में मात्र एक पीसीसी सड़क छह महीने पूर्व बना है। बाकी कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। इस वार्ड में एक दर्जन सड़क जो विभिन्न टोला को जोड़ेगी, की जरूरत है, साथ ही सभी सड़क में नाले की आवश्यकता है। जलजमाव की बड़ी समस्या है। वर्तमान में नाला निर्माण एवं मुख्य सड़क बनाने की ज्यादा जरूरत है। सड़क के बन जाने से लगभग एक साथ चार वार्ड के लोगो को सीधा लाभ मिलेगा। विकास के नाम पर ये वार्ड अब तक अछूता है। 7 हजार के आबादी वाला ये वार्ड में 1725 मतदाता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित हैं इस वार्ड के लोग:
मधुबन गांव का ये वार्ड में एक भी लोगो को आवास नहीं मिला है। आवास नहीं मिलने के कारण कई गरीब लोग अब भी कच्चे मकान में रहने को मजबूर है। आवास नहीं रहने के कारण अधिकांश लोग अब भी झोपडी में रहने को मजबूर है। पीने के शुद्ध पेयजल के लिए टंकी तो लगा है, लेकिन हर टोला में इनकी पहुंच नहीं है।
इस वार्ड में एक दर्जन रोड की सख्त जरूरत है:
इस वार्ड में अभी तक एक भी नाला का निर्माण नहीं हुआ है। नाले की बहुत जरूरत है। वार्ड में दो दर्जन से अधिक रोड जिसमें कम से कम एक दर्जन नए रोड बनाने की आवश्यकता है। रोड बन जाने से लोगों की परेशानी कम होगी, एवं जलजमाव से मुक्ति मिलेगी। नाला के नहीं रहने से चापाकल की पानी सड़कों पर बहती है। वार्ड अनुमंडल कार्यालय से सटा है, वावजूद कोई विकास कार्य नहीं हुआ है।
नहीं है श्मशान घाट, शव जलाने को लेकर काफी कठिनाई:
इस वार्ड में श्मशान घाट नहीं है। एक भी शमशान घाट के नहीं रहने के शव जलाने को लेकर काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। गरीब लोगो को शव जलाने की जगह नहीं है। कम से कम एक श्मशान घाट का निर्माण जरूरी है।
वार्ड में रौशनी के लिए स्ट्रीट लाइट नहीं:
इस वार्ड में एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगा है। सड़क पर रौशनी नहीं रहने से लोग अंधेरे में आवाजाही को मजबूर है। इस वार्ड के विभिन्न टोला में कम से का। 200 स्ट्रीट लाइट लगाने की तत्काल जरूरत है। कई टोला में कच्ची रोड, सोलिंग है, लेकिन चलने लायक नहीं है।
क्या कहते है वार्ड वासी:
वार्ड निवासी राजेश यादव का कहना है जब से मधुबन गांव को नगर में लिया गया है, विकास कार्य पूरी तरह से बंद है। जब ये पंचायत का हिस्सा था तो कई विकास कार्य होता रहता था। नगर तो बना दिया, लेकिन सुविधा पंचायत से भी बदतर है। सड़के एक भी चलने लायक नहीं है। नगर परिषद ध्यान नहीं दे रहा है।
सरफराज आलम का कहना है। जब से नगर बना है कोई कार्य नहीं हुआ है। एक मुख्य सड़क है, जो वर्षों से जर्जर है। पानी टंकी तो बना है, लेकिन कई टोला में इनकी सप्लाई नहीं है। एक दर्जन गली गली में सड़के एवं नाले की जरूरत है, ताकि लोगो को परेशानी नहीं हो। पहले गरीब लोगो को चिन्हित कर आवास मुहैया कराया जाए।
सदानंद ठाकुर का कहना है कि वार्ड की अधिकांश सड़के जर्जर है। टोला में रोड नहीं है। जबकि त्रिवेणी के घर से धोबियाही पुल तक सड़क बनाया, जबकि टोला में जहां ज्यादा जरूरत थी, वहां सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। इस वार्ड में नाला की बहुत जरूरत है।
अजीत कुमार यादव उर्फ मुन्ना यादव का कहना है कि अब तक वार्ड में एक भी लोगो को आवास नहीं मिला है। आवास मिले। छोटे छोटे टोला को पक्की सड़क एवं नाले से जोड़ने की जरूरत है, ताकि लोगो को चलने एवं जलजमाव की समस्या से निदान मिले।
कहते वार्ड पार्षद:
प्रखंड से वार्ड जाने वाली सड़क बहुत ही जर्जर है। जर्जर सड़क के कारण बराबर दुर्घटना होती है। एक भी लोगो को आवास नहीं मिला है। सबसे पहले आवास की बहुत जरूरत है। मेरे वार्ड में कम से कम 500 लोगों को आवास की जरूरत है। आवास नहीं रहने के कारण लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। एक दर्जन सड़क एवं नाले की जरूरत है।
मशद खातून, वार्ड पार्षद
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