उपेक्षा के कारण कलाभवन बदल रहा खंडहर में
सोनवर्षा में करोड़ों की लागत से बने कला भवन की स्थिति बेहद खराब है। प्रशासनिक उपेक्षा के कारण यह खंडहर में तब्दील हो रहा है। भवन में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जैसे बिजली, पानी, शौचालय आदि। यह जगह अब...

सोनवर्षा राज। प्रखंड मुख्यालय के उच्च विद्यालय प्रागंण में करोड़ों की लागत से बना कला भवन प्रशासनिक उपेक्षा व रख रखाव के कारण खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।आमजनों के मामूली रकम देकर सामुहिक कार्यक्रम या राजनीतिक व सरकारी कार्यक्रम करने के उद्देश्य से लाखों की लागत से बने कला भवन सुविधा विहीन बनी हुई है।दरवाजा, खिडक़ी, बिजली, पंखा, कुर्सी, जीर्णशीर्ण अवस्था में बने मंच व मंच के उपर बनाए गए सिलिंग सब टूट कर गिरने लगा है।पूरे कला भवन में बिजली कन्नेक्शन नहीं है एक भी पंखा या फिर एक अदद चापाकल कि समुचित व्यवस्था नहीं है।सबसे हैरत की बात यह है कि शौचालय भी उपयोग में लाने के लायक नहीं है।समाजिक या राजनीति या फिर चुनाव के समय उपयोग में लाने के लिए पहले वहाँ इस तरह की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराया जाता है।वहीं कला भवन के चारों तरफ गंदगी का अंवार लगा हुआ है।और नशेड़ियों व जुआरियों एवं असमाजिक तत्वों का अड्डा बन कर रह गया है।जबकि बनने से लेकर आजतक सुसज्जित करने के लिए एक रूपये खर्च नहीं किया गया है।जिससे खंडहर बनता जा रहा है।लेकिन कार्यक्रम के समय अधिकारियों भी नजरअंदाज कर चलते हैं।मालूम हो कि वर्ष 2011 में तत्कालीन सांसद शरद यादव के कोष से करीब 50 लाख की लागत से ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल सहरसा के द्वारा निर्माण कार्य किया गया था।जो बनने से आजतक उपेक्षित पडा हुआ है।सुविधाएं नहीं केवल देखने के लिए बनाया गया है कला भवन।
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