हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मकर संक्रांति का पर्व
सहरसा में मंगलवार को मकर संक्रांति पर्व धूमधाम से मनाया गया। लोग तिल-चावल और शक्कर मिश्रित प्रसाद ग्रहण करते हैं और अपने बड़ों की सेवा का वचन देते हैं। इस दिन बच्चे पतंग उड़ाते हैं और परिवार के साथ...
सहरसा, निज संवाददाता। जिले में मंगलवार को मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। लोगों ने अपने बड़े बुर्जुगों से तिल-चावल और शक्कर मिश्रित प्रसाद ग्रहण किया। ऐसी मान्यता है कि प्रसाद ग्रहण करने के दौरान अपने बड़ों को हर परिस्थिति में उनकी सेवा करने का वचन देते हैं। जिसे तिल बहना कहा जाता है। प्रसाद ग्रहण करने के बाद पहले चूड़ा- दही और उसके बाद लोगों ने खिचड़ी का ग्रहण किया। वहीं इस अवसर पर बच्चों ने पतंगबाजी भी की। छतों एवं खुले मैदानों में पतंग उड़ाकर एक दूसरे के पतंगों को काटने का आनंद लिया। लोगों ने अपने परिजन, रिश्तेदारों व मित्रों के साथ खिचड़ी का आनंद लिया। कई जगहों पर सामाजिक संगठनों द्वारा दरिद्र नारायण भोज किया गया जरूरतमंद लोगों के बीच कंबल वितरण किया गया। मकर संक्रांति का दान का पर्व भी कहा जाता है। मकर संक्रांति के साथ ही अब दिन भी तिल तिल कर बड़ा होगा मकर संक्रांति से ही मौसम में परिवर्तन दिखने लगता है। मंगलवार दोपहर तक कोहरे के कारण ठंड बढ़ी रही। हालांकि दोपहर बाद धूप निकलनेसे ठंड से राहत मिली। मान्यता के अनुसार संक्रांति के दिन सूर्य देवता अपने पुत्र शनिदेव से मिलने स्वयं उनके घर जाते हैं। शनिदेव मकरराशि के स्वामी हैं। इसलिए इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस दिन सूर्य के उत्तरायण होते ही एक माह से मांगलिक कार्यों पर लगा प्रतिबंध खत्म हो जाता है। मकर संक्रांति से सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाती है। मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर लोगों ने दान करने की परंपरा का निर्वहन किया। वहीं कंदाहा के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर पहुंचकर लोगों ने भगवान सूर्य की आराधना किया। जिसके कारण श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।
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