पाकिस्तानी सेना और सरकार में शालीनता की कमी
सत्तर कटैया के बीएसएफ के सेवानिवृत्त अधिकारी किशोर कुमार सिंह ने पाकिस्तान की हरकतों पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अब भारत कमजोर नहीं है और इस बार की प्रतिक्रिया सोची-समझी थी। उन्होंने भारतीय सेना...

सत्तर कटैया, एक संवाददाता। शालीन भाषा और व्यवहार की सराहना केवल शालीन लोग ही करते हैं। पाकिस्तानी सेना/बलों में ज़्यादा शालीन लोग नहीं हैं। स्वतंत्रता के समय से ही उन्होंने हमें हल्के में लिया है। वे हमें कमजोर और मूर्ख समझते हैं, जिन्हें जवाब देने की हिम्मत नहीं है। इस पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुये इस बार भारत की प्रतिक्रिया अच्छी तरह से सोची-समझी और उपयुक्त रही है। पंचगछिया गांव निवासी बीएसएफ के सेवानिवृत्त अधिकारी किशोर कुमार सिंह ने वर्तमान स्थिति पर टिप्पणी देते हुये कहा कि पाकिस्तानी जनता के बीच यह संदेश साफ़ चला गया है कि हम अब वही लोग नहीं हैं, जो तब भी चुप रहे जब हमारे जवानों के सिर जम्मू-कश्मीर में पाक की बैट टीम द्वारा काटे गए थे और हमारे रक्षामंत्री ने यह कहकर सफाई दी थी कि यह क्रूर हरकत स्थानीय आतंकियों की थी।
मुझे भारत-पाक के उच्च स्तरीय बैठकों में भाग लेने का अवसर मिला है। और मेरे विचार विभिन्न क्षेत्रों में मेरे व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित हैं। क्या आप चाहेंगे कि इसे और औपचारिक या संवादी शैली में बदलूं? सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की इस तरह की हरकत इसबार उन्हें कल्पना की सोच से भी ज्यादा होगी। उन्होंने सेना के जवानों की कोटि कोटि प्रशंसा करते हुये कहा कि उनकी बहादुरी हमेशा यादगार रहेगी।
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