मंदिरों में पट खुलते ही दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
शुक्रवार की शाम मंदिरों के पट खुलते देवी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में लोगों ने देवी की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि मांगी।नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के...
शुक्रवार की शाम मंदिरों के पट खुलते देवी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में लोगों ने देवी की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि मांगी।नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा-अर्चना की गई। इनकी अराधना से व्यक्ति पर आने वाले आकस्मिक संकटों से रक्षा होती है। मां का यह स्वरूप शत्रु और दुष्टों का संहार करने वाला है।
मां कालरात्रि की 4 भुजाएं हैं। असुरों के राजा रक्तबीज का संहार करने के लिए ही दुर्गा मां ने मां कालरात्रि को उत्पन्न किया था। जो भी भक्त मां की सच्चे मन से पूजा करते हैं उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।मां के भक्तों ने देवी दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा-अर्चना कर इस संकट को दूर भगाने की गुहार लगाई।भक्तों ने या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: का जाप कर मां की अराधना किया। मां का भयंकर रूप भक्तों को सदा शुभ फल देता है। इसलिए इन्हें शुंभकरी भी कहा जाता है। मां कालरात्रि ग्रह बाधाओं को दूर करती है।
महाअष्टमी आज :नवरात्र के आठवें दिन शनिवार को महाअष्टमी आयोजित होगा। जिस दिन सुहागिन महिलाओं द्वारा मंदिरों में जाकर, कुल देवी के मंदिर में खोईंछा भरा जाएगा। अष्टमी को बलि प्रदान की भी परंपरा है।
सत्तरकटैया से ए.सं. के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में शुक्रवार की शाम मंदिरों के पट खुलते लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रख्ंाड के पटोरी स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर में लोग देर रात तक दर्शन करते रहे। श्रद्धालुअ आज अष्टमी का व्रत करेंगे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।