Hindi Newsबिहार न्यूज़सहरसाDecision to run Janseva express from Purnia Court

जनसेवा को पूर्णिया कोर्ट से चलाने का निर्णय

लंबी दूरी की ट्रेन जनसेवा एक्सप्रेस को पूर्णिया कोर्ट से चलाने का समस्तीपुर मंडल प्रशासन ने निर्णय लिया है। रोज सहरसा से अमृतसर के लिए खुलने वाली इस ट्रेन को विस्तार देकर पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से...

हिन्दुस्तान टीम सहरसाFri, 7 June 2019 10:33 PM
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लंबी दूरी की ट्रेन जनसेवा एक्सप्रेस को पूर्णिया कोर्ट से चलाने का समस्तीपुर मंडल प्रशासन ने निर्णय लिया है। रोज सहरसा से अमृतसर के लिए खुलने वाली इस ट्रेन को विस्तार देकर पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से चलाने के संबंध में हाजीपुर रेल मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। समस्तीपुर मंडल द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को ईसीआर हाजीपुर मुख्यालय रेलवे बोर्ड को भेजेगी। रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिलते शीघ्र यह ट्रेन पूर्णिया कोर्ट से चलने लगेगी।

समस्तीपुर मंडल के सीनियर डीओएम अमरेश कुमार ने कहा कि यात्री सुविधा के लिए जनसेवा एक्सप्रेस का परिचालन पूर्णिया कोर्ट से शुरू करने का निर्णय लेते हुए मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है।मुख्यालय रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजेगी। वहां से निर्देश मिलते जनसेवा का परिचालन पूर्णिया कोर्ट से शीघ्र शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अमृतसर से आने के बाद यह ट्रेन सहरसा में 16 घंटे तक यार्ड में खड़ी रहती है। अगले दिन इसके परिचालन का समय रहता है।

पूर्णिया कोर्ट से इसे चलाने पर सहरसा में जनसेवा को रखी जाने वाली लाइन खाली होने पर वैशाली एक्सप्रेस, राज्यरानी एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों को रखने की जगह बन जाएगी। फिलहाल सहरसा यार्ड में ट्रेनों को रखने में कम पड़ रही जगह की समस्या काफी हद तक दूर होगी।

बाहर जाने वाले सीमांचलवासी मजदूर यात्रियों को होगा फायदा : जनसेवा एक्सप्रेस के पूर्णिया कोर्ट से चलने पर खासकर सीमांचल क्षेत्र के पलायन करने वाले हजारों मजदूर यात्रियों को फायदा होगा। उन्हें पंजाब, दिल्ली और हरियाणा जाने के लिए जनसेवा एक्सप्रेस पकड़ने को घंटों दूरी तय कर सहरसा नहीं आना पड़ेगा। पूर्णिया, कटिहार, बनमनखी, जानकीनगर, मुरलीगंज, मधेपुरा सहित आसपास के आम यात्रियों को भी आवाजाही के लिए एक और एक्सप्रेस ट्रेन मिल जाएगी।

हालांकि पूर्णिया कोर्ट से जनसेवा की परिचालन सेवा बहाल होने से सहरसा के रेल राजस्व पर असर पड़ेगा क्योंकि इस ट्रेन से अकेले रोज का टिकट कटने से रेलवे का राजस्व लाखों रुपए में पहुंच जाता है। पिछले साल मजदूरों के पलायन के समय सहरसा में 13 से 17 जून के बीच टिकट बिक्री से रेकॉर्ड रेल राजस्व 2 करोड़ 18 लाख के पार पहुंच गया था।

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