लालू पर गिरिराज की टिप्पणी से RJD भड़की, भाई वीरेंद्र बोले- 10 जन्म लेकर भी... बताया-BJP ने उन्हें क्यों रखा है
राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने अपनी पार्टी के सर्वमान्य नेता लालू यादव के समर्थन में गिरिराज सिंह पर हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि दस जन्म लेकर भी भारतीय जनता पार्टी का कोई नेता लालू नहीं बन सकता।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारत रत्न मिलेगा या नहीं यह तो भविष्य में तय होगा लेकिन, वर्तमान में यह सवाल राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गया है। एक क बाद एक नेताओं के बयान से सियासत गर्म है। गिरिराज सिंह की मांग पर पहले राष्ट्रीय जनता दल(राजद) ने कमेंट पास कर दिया तो गिरिराज सिंह ने लालू यादव को लपेट लिया। राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने अपनी पार्टी के सर्वमान्य नेता लालू यादव के समर्थन में गिरिराज सिंह पर हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि दस जन्म लेकर भी भारतीय जनता पार्टी का कोई नेता लालू नहीं बन सकता।
भाई वीरेंद्र ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) में गिरिराज सिंह को हिंदू मुसलमान के बीच विवाद करवाने के लिए रखा गया है। वे नफरत फैलाने वाला काम करते हैं क्योंकि बीजेपी में नफरत फैलाने वालों को पुरस्कार दिया जाता है। वे नफरत फैलाने वाले नेता हैं। बीजेपी का कोई नेता दस बार जन्म लेगें तो भी लालू यादव नहीं बन सकता। उनका इतिहास स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।लेकिन, जिन नेताओं की चर्चा की जा रही है उनका नाम काले अक्षरों में इतिहास में दर्ज होगा। नीतीश कुमार को भारत रत्न पर कहा कि उनकी सरकार है जब मन हो दे दें।
भाई वीरेंद्र ने 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग की। कहा कि बीपीएससी में प्रश्न पत्र लीक हुआ है। जब जब बीजेपी सत्ता में रहती है तब तब पेपर लीक होता है। यह भी कहा कि आन्दोलन कर करे छात्रों और छात्राओं पर लाठी चार्ज करना शर्मनाक घटना है। हमारे नेता तेजस्वी यादव पहले से उन छात्रों के साथ हैं। आरजेडी सड़क से लेकर सदन तक इस पर लड़ाई लड़ेगी।
भाई वीरेंद्र ने फिर से नीतीश कुमार राजद के सात आने का ऑफर दिया। कहा कि जब वे रात को सोते हैं तो सपना आता होगा कि देश द्रोहियों के साथ मिले हुए हैं। उनसे छुटकारा लेना चाहते हैं को हमारे साथ आ सकते हैं। नीतीश जी समाजवादी विचारधारा के लोग हैं। हम लोगों के साथ आकर गला मिलिए।
बताते चलें कि पटना में एक सवाल के जवाब में गिरिराज सिंह ने कहा था कि लालू यादव को भारत रत्न देने से काम नहीं चलेगा। उन्हें संयुक्त राष्ट्र रत्न दिया जाना चाहिए। इसी बात पर भाई वीरेंद्र उखड़ गए।