‘सत्संग के रास्ते ही मोक्ष की प्राप्ति
मीरगंज के बरहकोना गांव में दो दिवसीय संतमत सत्संग ध्यान अधिवेशन मीरगंज, एक संवाददाता प्रत्येक मनुष्य को अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है। जैसा कर्म
मीरगंज, एक संवाददाताप्रत्येक मनुष्य को अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है। जैसा कर्म करोगे वैसा फल भोगोगे, उसे कोई नहीं रोक सकता। सभी को अपने-अपने कर्मों का फल मिलता है। ये बातें गुरुवार को मीरगंज नगर पंचायत अंतर्गत बरहकोना गांव में आयोजित दो दिवसीय संतमत सत्संग ध्यान अधिवेशन के मौके पर हरिद्वार संतमत से आए स्वामी मुक्तानंद जी महाराज ने कही। उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा सत्संग के रास्ते ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है क्योंकि सत्संग के माध्यम से ही व्यक्ति में सद्गुण का समावेश हो सकता है। उन्होंने गुरु की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सच्चे सदगुरू का मिलना परम प्रभु सर्वेश्वर मिलने के समान है। उन्होंने कहा मनुष्य शरीर क्षणिक एवं क्षणभंगुर है । अतः गुरु से युक्ति जानकर मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। आत्मा की सच्ची शांति और परम कल्याण का मार्ग केवल सद्गुरु की शरण में और सत्य साधना में ही निहित है। उन्होंने कहा सद्गुरु महर्षि मेँहीँ जी महाराज के बताए मार्गों पर चलें और अपने जीवन को शुद्धता, शांति और सच्चे ज्ञान से परिपूर्ण करें। सद्गुरु की शरण में ही आत्मिक आनंद और मुक्ति का मार्ग है। सत्संग को सफल बनाने में अशोक बाबा, सुरेंद्र बाबा, दशरथ बाबा,चंदन कुमार, इंजीनियर सुनील कुमार मंगल सिंह, अरुण यादव ,सतीश यादव, उपेंद्र यादव सहित ग्रामीणों ने सहयोग दिया।
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