सीमांचल देश में इंडिया पोस्ट पेंमेंट बैंक से लेन-देन में शीर्ष पर
पूर्णिया के सीमांचल क्षेत्र ने इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक के लेन-देन में देश में सर्वोच्च स्थान हासिल किया है। अप्रैल से नवंबर के बीच 2 अरब 93 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। यहां 18 लाख से अधिक...
पूर्णिया। सीमांचल के मशहूर साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु ने इस माटी का जिक्र करते हुए लिखा है यहां फूल है, धूल भी और शूल भी। पिछड़ा इलाका कहलाने वाला सीमांचल डाक विभाग के इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक से लेन-देन के मामले में देश में टॉप पर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीमांचल के चार जिले पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज में डीबीटी के तहत इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक यानि नौ माह में 2 अरब 93 करोड 67 लाख 25 हजार 143 रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। चारों जिले में 618531 खाते में 1638014 बार डीबीटी के माध्यम से यह ट्रांजेक्शन हुआ है। इसमें उज्ज्वला गैस योजना से लेकर पेंशन स्कीम, पीएम किसान सम्मान निधि मनरेगा, प्रधान आवास योजना समेत केंद्र व राज्य सरकार की अलग-अलग स्कीम के तहत पैसे जमा हुए हैं। पूर्वी बिहार क्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल मनोज कुमार ने ‘आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि सीमांचल के लोगों का डाक विभाग पर अटूट भरोसा है। सीमांचल के चारों जिलों में इंडिया पोस्ट पेंमेंट बैंक के तहत 18 लाख से अधिक लोगों ने खाता खुलवाया है। इंडिया पोस्ट पेंमेंट बैंक में राशि जमा कराने के मामले में सीमांचल का इलाका देश में टॉप पर है। सीमांचल में कटिहार जिला में सबसे अधिक 596703 लोगों ने इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में खाता खुलवाया है। किशनगंज जिला में 408742 लोगों ने एकाउंट खुलावाया है। पूर्णिया में 472532 एवं अररिया जिला में 371919 लोगों ने डाक विभाग पर भरोसा जताते हुए खाता खुलवाया है।
फर्जी कंपनियों से ठगे जा रहे लोगों को अधिक भरोसा: चिट फंड कंपनियों से ठगे जा रहे लोगों का सबसे ज्यादा भरोसा इंडिया पोस्ट पेंमेंट बैंक पर है। हर गांव में चिट फंड कंपनी सक्रिय है। कई कंपनी दो वर्षों में धन दोगुना करने का झांसा देते हैं। कई लोग फंसकर धन गंवा देते हैं। डाकघर पर लोगों का विश्वास है। पोस्टमास्टर जनरल कहते हैं कि पोस्ट पैमेंट बैंक ग्रामीण लोगों के लिये ही बना है। बैंक में खाता खुलवाने में लोगों को कई दस्तावेज देने होते हैं। जीरो बैलेंस पर बिना किसी दस्तावेज के एकाउंट खोल रहे हैं।
सभी पंचायतों में डाकघर इसलिए भी मानते सुरक्षित: अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक एटीएम का अभाव है। जबकि डाकघर हर पंचायत में है। डिजिटल बैंक है। इसमें स्थानीय कर्मचारी होते हैं। इसलिए ग्रामीण लोग खुद को आर्थिक रूप से सुरक्षित समझते हैं। पैसा निकालना और जमा करना आसान है। एटीएम में पिन की जरूरत होती है। कई रिश्तेदार पिन नंबर जानने के बाद ठगी कर लेते हैं। डाकघर में बगैर फिंगर प्रिंट के पैसा नहीं निकलता। यह ग्राहकों को अतिरिक्त सुरक्षा कवच प्रदान करता है।
पूरे देश में सीमांचल में सबसे ज्यादा खुला खाता: पूरे देश में सीमांचल में सबसे ज्यादा खाता खुला है। परदेस में कमाने वालों को भी इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक पर सबसे अधिक भरोसा है। इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक में लोगों का आसानी से खाता खुल जाता है। जीरो बैलेंस पर खाता खुलता है। 200 रुपया पर प्रीमियम खाता खुलता है। कोई फार्म नहीं भरना है। कोई फोटो और दस्तखत की जरूरत नहीं। अपना आधार नंबर और मोबाइल नंबर के साथ अपना फिंगर प्रिंट देना होता है।
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