सर्द रात में पुलिस गाड़ी के सायरन की आवाज हुई गुम
-ठंड के बीच घने कोहरे ने दस्तक दी, चोरी होने का खतरा बढ़ा बनमनखी, संवाद सूत्र। सर्द मौसम के बीच कोहरे ने दस्तक दे दी है। ठंड के मौसम में बनमनखी अनुमं
बनमनखी, संवाद सूत्र।
सर्द मौसम के बीच कोहरे ने दस्तक दे दी है। ठंड के मौसम में बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र में घरों में चोरी होने का खतरा बढ़ गया है। गुजरे जमाने में चोरी की घटना पर अंकुश लगाने के लिए ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में चौकीदार अंधेरी रात में घने कोहरे के बीच कंबल ओढ़े हाथ में लालटेन, टॉर्च एवं लाठी लिए जागते रहो की आवाज लगाकर टोले मुहल्लों में लोगों को जगाया करते थे जिससे घर वालों के जागने के कारण चोर चोरी की घटना को अंजाम नहीं दे पाते थे। चौकीदार के पहरा का काफी असर हुआ करता था। लोग निश्चिंत होकर घरों में आराम से सोते थे। खेत खलिहान से लेकर घरों में चोरी की घटना को रोकने का जिम्मा पहरेदारों के पास होता था। इसके बाद बदलते समय के साथ पुलिस ने चोरी एवं अन्य वारदातों पर रोक लगाने के लिए सुनसान रात में सायरन एवं हुटर बजाकर पुलिस गश्ती किया जाने लगा। इस दौर में पुलिस वाहनों के सायरन की आवाज सुनते ही नामी चोर तथा विभिन्न अपराध से जुड़े अपराधी दुबक जाते थे। इससे भी काफी हद तक विभिन्न अपराधों पर अंकुश लगने लगा। परंतु बीते कुछ वर्षों से यह देखा जा रहा है कि रात में गस्ती के दौरान पुलिस वाहन के सायरन की आवाज अब नहीं सुनी जाती है। सन्नाटे के बीच चुपचाप पुलिस गस्त करती है। रात के समय पुलिस वाहन की लाल नीली बत्ती देख लोग समझ पाते हैं कि पुलिस आ रही है जबकि अधिकांश यह देखा जा रहा है कि आपातकाल के दौरान दिन एवं रात में पुलिस गाड़ी सायरन बजाते हुए गंतव्य तक पहुंचती है। बहरहाल बदलते समय के साथ पुलिस के पहरा देने के तौर तरीकों में बदलाव जरूर आया है किंतु पुलिस के लिए अपराध को कम करने की चुनौती आज भी बरकरार है। पुलिस लगातार अपराध रोकने के लिए आधुनिक संसाधनों का उपयोग कर रही है।
-बोले अधिकारी :
-रात में लोग घरों में सो रहे होते हैं इसलिए गस्ती के दौरान पुलिस सायरन नहीं बजाती है। इमरजेंसी के दौरान रात में भी पुलिस सायरन का उपयोग करती है।
-सुबोध कुमार, बनमनखी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ।
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