रक्षा बंधन पर राखी व गिफ्ट की हुई खरीदारी.
रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर बाजार में राखी और डब्बा बंद मिठाइयों की खूब बिक्री हुई। शहर का भट्ठा बाजार हो, बहुमंजिला हो, खुश्कीबाग हो या मधुबनी बाजार, हर जगह सड़क किनारे राखी की दुकानें सजी थी।...
रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर बाजार में राखी और डब्बा बंद मिठाइयों की खूब बिक्री हुई। शहर का भट्ठा बाजार हो, बहुमंजिला हो, खुश्कीबाग हो या मधुबनी बाजार, हर जगह सड़क किनारे राखी की दुकानें सजी थी। खरीदारों की भी कमी नहीं थी। हर दुकान पर भीड़ थी। पेशे से शिक्षक खुश्बू जायसवाल कहती हैं कि इस साल उन्होंने अपने भाई के लिए ऑनलाइन ही राखी मंगवाया और भेजा भी। लेकिन मां आशा जायसवाल पारंपरिक हैं, इसलिए उन्होंने अपने भाई के लिए बाजार से राखी पसंद की। भाई के लिए बाजार से डब्बाबंद मिठाई भी खरीदी। कोरोना और लॉकडाउन के कारण रक्षा बंधन के त्योहार में आधुनिकता और परंपरा दोनों नजर आई। रविवार को शाम में खीरू चौक से बहुमंजिला बाजार तक सड़क किनारे दर्जनों राखी की दुकानें सजी थीं। दुकान पर महिलाएं और लड़कियां अपने भाई के लिए राखियां खरीद रहीं थीं। भट्ठा के दुकानदार राहुल कुमार ने बताया कि आज से पहले बाजार मंदा था। अचानक जान आई है। हर तरह की राखी बिक रही है। लॉकडाउन के कारण मिठाई की दुकानें बंद है। इसलिए डब्बा बंद मिठाई की खरीदी गई। खीरू चौक के दुकानदार संतोष आनंद ने बताया कि या तो लोग सेलिब्रेशन ले रहे हैं या पैक मिठाई पसंद कर रहे हैं। कई दिनों में बाद बाजार में रमन चमन दिखा। अच्छी बात ये थी कि हर किसी के चेहरे पर मास्क था।
रक्षाबंधन पर शुभ मुहुर्त में बांधे राखी
शहर के चर्चित व प्रसिद्ध मंदिर में शुमार पूरणदेवी मंदिर के पुजारी व मुख्य सदस्य पंडित सुबोध मिश्र बताते हैं कि रक्षा बंधन के शुभ मुहुर्त में राखी बांधे। पंडित सुबोध मिश्र वैदिक विद्यापति विश्वविद्यालय पंचाग के अनुसार बताते हैं कि 3 अगस्त को 8 बजकर 35 मिनट के बाद राखी बांधने का शुभ मुहर्त है। वे बताते हैं कि इसके पूर्व भाद्रा और राहु केतु का प्रभाव है। इसलिए 3 अगस्त को पूर्णिमा में निर्धारित समय के बाद दिन भर राखी बांधा जा सकता है।
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