जीएमसीएच में एंटी रेविज टीका नहीं, रोगियों की बढ़ी परेशानी
पूर्णिया के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के वर्न वार्ड में एंटि रेविज का टीका नहीं मिल रहा है, जिससे कुत्ते काटने के शिकार लोगों को परेशानी हो रही है। पिछले दो दिनों में मरीजों को टीका नहीं...
पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के वर्न वार्ड में संचालित वार्ड में एंटि रेविज की टीका नहीं है। इससे रोगी की परेशानी बढ़ गई है। पिछले दो दिनों से यहां जरूरतमंद ऐसे लोग जो कुत्ते काटने के शिकार हुए हैं ऐसे लोगों को एंटि रेविज का टीका नहीं मिल पा रहा है। दवा उपलब्ध नहीं होने से वार्ड का कक्ष बंद रहता है। यहां अभी वार्ड के कक्ष के बाहर दवा समाप्त हो गई का पर्ची साट दिया गया है। इससे एंटी रेविज लेने वाले जरूरतमंद की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे जरूरतमंद रोगी लौटकर जा रहे हैं। विदित हो कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अंदर पुराने वर्न वार्ड प्रवेश करने के दौरान सबसे पहले कमरे में एंटी रेविज का टीका दिए जाने की सुविधा है। इस सेवा के दौरान यहां नए पुराने दोनों तरह के लोगों को टीका देने की सुविधा है।
....प्रत्येक दिन चार दर्जन से अधिक लोगों को मिलता एंटी डोज का टीका:
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के वर्न वार्ड में संचालित एंटी रेविज टीका वार्ड में प्रत्येक दिन लगभग चार दर्जन से अधिक लोगों को टीका पड़ता है। यहां डयूटी पर तैनात कर्मी की माने तो एक सप्ताह से दस दिनों में 500 लोगों को एंटी रेविट का टीका पड़ जाता है। ऐसे में प्रत्येक दिन औसतन 40 से 50 लोगों को एंटी रेविज का टीका पड़ता है। इस टीका में डेढ़ दर्जन लोग ऐसे होते हैं जो नए होते हैं। एक दिन में डेढ़ दर्जन नए लोग कुत्ते काटने के शिकार होते हैं जिन्हें टीका की जरूरत होती है। इनके अलावा ऐसे लोग जो पूर्व से एंटी रेविज का टीका ले रहे हैं । ऐसे लोगों को उनके निर्धारित तिथि पर अलग से पड़ने वाला एंटी रेविज का डोज भी दिया जाता है। इस तरह से नए पुराने से लगभग 50 लोगों को एंटी रेविज का टीका प्रत्येक दिन दिया जाता है।
.....आउटडोर के निर्धारित समय में पड़ता है टीका:
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में आने वाले ऐसे रोगी जो कुत्ते काटने के शिकार हो गए हैं। ऐसे लोगों को एंटी रेविज टीका की जरूरत होती है। ऐसे लोगों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहे वर्न वार्ड के एंटी रेविज कक्ष में आउटडोर समय में टीका प्रदान किया जाता है। यह आउटडोर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो पाली में निर्धारित है। पहली पाली सुबह 9 बजे से दिन के 2 बजे तक संचालित है। जबकि दूसरी पाली दोपहर में 3 बजे से शाम 5 बजे तक टीका दिया जाता है। यह टीका लेने के लिए किसी नए रोगी को आउटडोर के समय चल रहे मेडिसिन विभाग या फिर रोगी बच्चा है तो बच्चा विभाग में दिखाते हैं। यहां रोगी को देखकर जरूरत के हिसाब से टीका के लिए लिखा जाता है। इमरजेंसी सेवा में आने के बाद भी चिकित्सक के अनुसार लिखे निर्देश पर आउटडोर सेवा के दौरान एंटि रेविज का टीका पड़ जाता है।
.....बोले अधिकारी:
मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संजय कुमार ने बताया की एंटी रेविज टीका की आपूर्ति शीघ्र होगी। इसे देखा जा रहा है कि कहां आकर दवा रूकी है। शीघ्र एंटी रेविज टीका की सुविधा लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
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