पूर्णिया ढाई सौ साल पुराना जिला : एक अदद सीवरेज तक नहीं मिला :
--------शहर के वार्ड 18 अंतर्गत जयप्रकाश नगर में में जल निकासी की समस्या से लोग परेशान पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। पूर्णिया जिला ढाई सौ साल पुरा
पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। पूर्णिया जिला ढाई सौ साल पुराना है। शहर की आबादी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। शहर में 50 हजार से अधिक घर हैं। चार लाख की शहरी आबादी है। मॉल ,मल्टीप्लेक्स से लेकर फाइव स्टार होटल तक खुल आये हैं। मेडिकल हब के कारण प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में मरीजों का जमावड़ा अलग। इतना कुछ होने के बावजूद अदद सीवरेज सिस्टम के लिए शहर तरस रहा है। आमतौर पर बरसात के मौसम में पूर्णिया डूबा रहता है। हालांकि अब सर्दी के मौसम में भी पूर्णिया के कई गली मोहल्ले में इस तरह का नजारा दिख रहा है। नगर निगम हर बार बारिश से पहले सीवरेज सिस्टम की दुहाई देता है। मगर पिछले एक दशक से निगम के दावे हवा हवाई हैं। शहर में माकूल सीवरेज सिस्टम नहीं है। शहर में कहीं भी जल निकासी के लिए माकूल सीवरेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं है। बरसात के समय अक्सर मोहल्लों के रोड जल से भर जाते हैं। जब तक जल निकासी का बड़ा नाला नहीं बनेगा तब तक रोड पर पानी जमा होगा। शहर के वार्ड 18 अंतर्गत जयप्रकाश नगर में में जल निकासी की समस्या से लोग परेशान हैं। कॉलेज रोड के आसपास कई रोड ऐसे हैं जहां महीनों पानी जमा रहता है। लंबे काल से लोगों को पानी में पैर रखकर चलने की मजबूरी बनी हुई है। कुछ बुद्धिजीवियों ने बताया कि उनके मोहल्ले में गलियों में बिजली के तार इस कदर लटक रहे हैं कि कभी किसी के घर आने वाले हैवी ट्रक को मेन रोड पर ही रुकना पड़ जाता है। मोहल्ले की गलियां भी इतनी तंग है कि एक साथ आमने-सामने वाहन क्रॉस नहीं कर सकते।
-जलजमाव के कारण इंफेक्शन:-
-जयप्रकाश नगर के स्थानीय लोग बताते हैं कि जल जमाव और गंदे पानी के कारण इंफेक्शन का भी डर बना हुआ रहता है और अक्सर लोग पानी में आकर गिर जाते हैं। जिस जगह से पानी निकल रहा है उसे जगह का स्लैब भी डैमेज है। पानी में रोड ठीक से दिखाई नहीं पड़ता और आने जाने वाले राहगीर अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। पिछले दिनों एक छात्रा की स्कूटी इस कदर दुर्घटनाग्रस्त हो गई कि लड़की गंभीर रूप से चोटिल हो गई। ऐसी कई घटनाएं घटी है।
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-अंग्रेजों के सिस्टम पर बरसाती जल की निकासी :
-पूर्णिया शहर में दो सौ वर्ष पहले अंग्रेजों ने सीवरेज समस्या को भांपते हुए शहर के चारों बगल नाले का निर्माण कराया था। इसी अंग्रेजी सिस्टम पर आज भी शहर की जल निकासी की व्यवस्था आज भी कायम है। पुराने नाले की मानसून से पहले सफाई होती है। इसी होकर गंदा पानी और बरसाती पानी बाहर निकल जाता है। हाल के कुछ वर्षों में शहर में नगर निगम की ओर से कई नयी आबादी और पुराने इलाके में नाले का निर्माण तो कराया गया लेकिन इसके पीछे कोई सुनियोजित योजना थी। नतीजन कई इलाकों में लाखों करोड़ों खर्च कर बनाये गये नाले अब नाकाम हो चुके हैं।
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-फाइलों में धूल फांक रहा स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज का मामला :
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-पिछले एक साल से अधिक समय से पूर्णिया शहर में जल निकासी के लिए पांच जगह पर स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज का प्रस्ताव फाइलों में धूल फांक रहा है। इनमें सबसे पहले डॉलर हाउस चौक से चूनापुर पुल तक बड़ा नाला बनना था। इसके अलावा मधुबनी चौक से वनभाग नहर तक नाला, अरेबिया कॉलेज से रुई गोला धार तक और कटिहार मोड़ से रेलवे गुमटी तक नाला बनाया जाना था। बरसात के मौसम में इस पर काफी चर्चा होती थी। जैसे ही बरसात का मौसम समाप्त हुआ, वैसे ही इस पर चर्चा भी बंद हो गई है। ऐसा लगता है कि यह मामला अब फाइलों में धूल फांक रहा है।
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-क्या कहते हैं लोग:-
-स्थानीय निवासी संजय कुमार पांडे बताते हैं कि जल जमाव के कारण काफी परेशानी होती है। स्लैब टूट जाने के कारण पानी बाहर निकल रहा है। जब तक स्लैब नहीं बनता तब तक इसी तरह पानी बाहर निकालता रहेगा और लोगों की परेशानी बनी रहेगी। कपिल देव मंडल और विवेकानंद झा बताते हैं कि पिछले 2 साल से रोड पर पानी जमा हुआ है। रोड के बीच का नाला सक्सेस नहीं है, जिसके कारण यह दशा हुई है। पूरे रोड पर पानी जमा रहने के कारण रोजमर्रा की जिंदगी असहज लगती है। डॉ नित्यानंद झा कहते हैं कि नाला की कनेक्टिविटी कहीं नहीं रहने के कारण जल जमाव की समस्या पैदा हुई है। जब तक नाला का कनेक्शन किसी बड़े नाला से नहीं होगा तब तक यही हाल रहेगा। पूरे शहर में अधिकांश जगहों पर यही हाल है। डॉ विजय कुमार कहते हैं कि जल जमाव के कारण पानी सड़ जाता है और सड़ा हुआ पानी इंफेक्शन का कारण बन जाता है। ललन प्रसाद, मूलचंद शाह, जितेंद्र कुमार सिंह,विजय कुमार, आदित्यनाथ झा,अमित कुमार, गौरव कुमार, विजय कुमार,सतीश कुमार, संतोष कुमार, अभिकांत कुमार राठौर कहते हैं कि नाला निर्माण नहीं होने के कारण परेशानी हो रही है।
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-शिकायत और सुझाव
-शहर में कहीं भी छोटे नालों को बड़े नालों से जोड़ने का काम नहीं किया गया है।
-नाला नहीं जोड़ने के कारण जलजमाव से लोग परेशान रहते हैं।
-जल जमाव के कारण शहर की सूरत और सीरत भी बारिश में बदल जाती है।
-शहर के प्रमुख मार्गों के अलावा गली-मुहल्ले डूब जाते हैं। इससे हर लोगों को परेशानी होती है।
-जलजमाव के कारण रोड भी खराब हो रही है। इसके कारण समय से पहले रोड टूट जाती है।
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-सुझाव :
-नगर निगम नियोजित तरीके से नाले का निर्माण कराये।
-नगर निगम स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम को अमलीजामान पहनाएं।
-बरसात से पहले नगर निगम के पुराने नाले की सफाई करायी जाये।
-पहले बने नाले को दुरुस्त कराया जाये जो नाकाम बनकर रह गया है।
-रोड बनाने के समय नाले के निर्माण को लेकर भी निगम को खयाल रखना चाहिए।
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-बोले अधिकारी :
-पूर्णिया शहर में स्टार्म सीवर की व्यवस्था जल्द होगी। शहर में नाले के निर्माण के साथ जलजमाव की समस्या खत्म होगी। नाले के निर्माण के लिए भी योजना पर जल्द काम होने वाला है। बारिश से पहले हर साल नाले की साफ-सफाई कराई जाती है।
-कुमार मंगलम, नगर आयुक्त पूर्णिया।
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