न्यायालयकर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त
-फोटो- 57 सिविल कोर्ट में हड़ताल के दूसरे दिन धरना पर बैठे न्यायालयकर्मी। पूर्णिया, कार्यालय प्रतिनिधि। सिविल कोर्ट पूर्णिया समेत अनुमंडलीय न्यायालय
पूर्णिया, कार्यालय प्रतिनिधि।सिविल कोर्ट पूर्णिया समेत अनुमंडलीय न्यायालय धमदाहा, बनमनखी और बायसी में तृतीय एवं चतुर्थवर्गीय कर्मियों का गुरुवार से अनिश्चतकालीन कलमबंद हड़ताल दो दिन बाद समाप्त हो गई। शनिवार से सभी कर्मी काम पर लौट आएंगे। अब न्यायालय का कामकाज सुचाररू रुप से चलेगा। व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेश पासवान ने बताया कि सरकार ने उनकी चार में से तीन मांगों को स्वीकार कर ली है और शीघ्र ही लागू करने आश्वासन दिया है। शुक्रवार को देर शाम तक पटना में चली वार्ता के बाद संघ ने हड़ताल को समाप्त करने का निर्णय लिया है। उधर कर्मियों की हड़ताल समाप्त होने पर लोगों ने राहत की सांस ली है। इस हड़ताल की वजह से पिछले दो दिनों से न्यायिक कार्य पूरी तरह से बाधित हो गया था। मुकदमे की पैरवी में पहुचने वालों को निराश होकर लौटना पड़ रहा था। शुक्रवार को भी पूरे दिन सभी कर्मियों ने न्यायिक कार्यों से अलग रहकर धरना-प्रदर्शन जारी रखा। व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेश पासवान एवं कार्यकारी सचिव अभिषेक ने बताया कि उनकी मांगों में वेतन विसंगति, प्रोन्नति, अनुकंपा पर शत-प्रतिशत बहाली एवं विशेष न्यायिक कैडर लागू करना शामिल है। जिले के तकरीबन दो सौ कर्मी हड़ताल में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से व्यवहार न्यायालयों के कर्मचारियों ने सरकार के सामने अपनी मांगे रखी है पर आज तक उसकी अनदेखी कही की गई है। दशकों से स्नातक स्तर का वेतनमान व प्रोन्नति से वंचित रखा जा रहा है। वहीं मृत कर्मियों के आश्रितों की अनुकंपा पर नियुक्ति भी कई वर्षों से बंद है। आखिरकार विवश होकर हमलोगों को हड़ताल करना पड़ रहा है। गुरुवार की देर शाम राज्य संघ की सरकार से वार्ता के बाद काई परिणाम नहीं निकल सका था। इसे लेकर न्यायालयकर्मियों ने दूसरे दिन भी हड़ताल को जारी रखा था। शुक्रवार को सरकार के साथ वार्ता में विशेष न्यायिक कैडर की मांग को छोड़कर अन्य मांगों पर सहमति जतायी गई। इसके बाद राज्य के सभी न्यायायलकर्मियों ने हड़ताल तोड़कर काम पर लौटने का निर्णय लिया।
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