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सर्दी का स्वास्थ्य पर असर: पांच वर्ष तक के बच्चों में रहता है निमोनिया का खतरा

-फोटो : 5 : ठंड को लेकर बनमनखी में अलग से बेड की तैयारी। पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। सर्दी के मौसम में एक माह से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों में नि

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाSat, 18 Jan 2025 01:51 AM
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पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता।सर्दी के मौसम में एक माह से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों में निमोनिया होने का खतरा रहता है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ प्रेम प्रकाश बताते हैं कि एक माह से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों में निमोनिया होने का खतरा अधिक रहता है। हालांकि निमोनिया किसी भी समय और किसी को भी हो सकता है। इसलिए निमोनिया की परेशानी से बचे रहने के लिए विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। चिकित्सक बताते हैं कि इस रोग में सर्दी, खांसी के साथ बुखार होने के बाद सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। ऐसे में बच्चों को आक्सीजन की जरूरत पड़ जाती है। इसके लिए ऐसे मौसम में विशेष सावधानी बनाए रखने की जरूरत है। सामान्यतया सर्दी, खांसी और बुखार है तब तो भर्ती के उपरांत जरूरी दवा चढ़ने के बाद समय अंतराल के साथ ठीक हो जाता है। लेकिन निमोनिया होने की स्थिति में ज्यादा निगरानी रखनी की जरूरत होती है। इसलिए निमोनिया से बचाए रखने की जरूरत है। इसके लिए इस मौसम में ठंड से बचाव के साथ- साथ बाहर निकलने की स्थिति में बाहर के खान-पान से भी परहेज रखने की आवश्यकता है। शुक्रवार को जीएमसीएच के बच्चा वार्ड में लगभग सात से आठ बच्चों में सर्दी खांसी से लेकर बुखार और डायरिया की परेशानी थी जो अब पूरी तरह से स्वस्थ्य और घर जाने की स्थिति में है। इसके अलावा बच्चों को नियमित टीका जरूर दिलाएं। इससे डायरिया और निमोनिया से बचे रहेंगे।

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-बच्चे ही नहीं बुजुर्ग भी बरतें सावधानी :

-सर्दी में मौसमी बीमारी से लोगों को बचकर रहने की जरूरत है। इस मौसम में बच्चे से लेकर बड़ों लोगों तक में सर्दी खांसी और बुखार की परेशानी बढ़ सकती है। आउटडोर से लेकर इंडोर तक इस बढ़ी ठंड में पहुंचने वाले लोगों की संख्या कम हुई है। चिकित्सकों की मानें तो ठंड में यदि सावधानी बरतें तो परेशानी से बचे रहेंगे। यही वजह कि अभी तीन दिनों में इंडोर में भर्ती बच्चों की संख्या में भी कमी आयी है और आउटडोर के बच्चा विभाग में भी सामान्य दिनों में आने वाले रोगी की संख्या के अनुपात में बीमार बच्चों की संख्या में कमी आयी है। अभी तीन दिनों से आउटडोर में आने वाले बच्चों की संख्या सौ से सिमटकर 60 तक पहुंच गई है। शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रेम प्रकाश बताते हैं कि ठंड में पूरी तरह से सावधानी बनाए रखने की जरूरत है। इससे ठंड में बढ़ने वाली स्वास्थ्य की परेशानी में सर्दी खांसी और बुखार से बचे रहेंगे।

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-ठंड को लेकर प्रखंड में बेड तैयार:

-ठंड को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रखंड के पीएचसी में अलग से बेड की तैयारी सुनिश्चित कर रखी गई है। इपिडिमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला ने बताया की ठंड को देखते हुए पूर्व में ही सिविल सर्जन के स्तर से निर्देश दिया गया था। इस बावत अनुमंडल अस्पताल से लेकर पीएचसी में पांच से तीन बेड की सुविधा सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने बताया कि बनमनखी से लेकर बायसी क्षेत्र के अलावा अन्य कई प्रखंडों में तीन बेड की अलग से सुविधा सुनिश्चित कर रखी गई है। उन्होंने बताया कि अभी तक ठंड को लेकर कोल्ड सेवियर रिपोर्टिंग नहीं है लेकिन सामान्य रूप से सर्दी- खांसी के रोगी बच्चा विभाग में भर्ती हैं। उन्होंने बताया की ठंड को लेकर डे टू डे रिपोर्टिंग पर नजर रखी जा रही है।

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