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जलालगढ़ के चकहाट की नहीं ली किसी ने सुधि

जलालगढ़ के चकहाट की नहीं ली किसी ने सुधि जलालगढ़। एक संवाददाता

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाMon, 11 Jan 2021 03:35 AM
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जलालगढ़ के चकहाट की नहीं ली किसी ने सुधि

जलालगढ़। एक संवाददाता

ब्रिटिश के जमाने से प्रसिद्ध जलालगढ़ का चकघाट की स्थिति आज दयनीय हो गई है। अतिक्रमण के कारण हाट सिकुड़ता जा रहा है। चकघाट से सटे खैरात महाल की जमीन पर भी लोगों ने कब्जा कर लिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्तमान समय में चौक-चौराहों पर हाट लगने से चकहाट का महत्व घट गया। पहले चकहाट में सैकड़ों क्विंटल अनाज की खरीद-बिक्री होती थी। यहां तंबाकू का भी मंडी लगता था। तंबाकू खरीद के लिए कोलकाता से व्यापारी आते थे। वहीं सब्जी खरीदने के लिए जोगबनी तथा विराटनगर तक के व्यापारी पहुंचते थे। मांस मछली की बिक्री के लिए चक हाट इलाके में प्रसिद्ध था। इसके साथ ही बांस के बने सूप, टोकरी, मिट्टी का बर्तन, मोथी के शीतल, पार्टी दभार, कशाल की चटाई, खेती में उपयोग आने वाले लकड़ी के हल की बिक्री के लिए भी यह हाट प्रसिद्ध था। शादी-ब्याह एवं पर्व-त्यौहार के मौके पर दूर-दूर से लोग सामान खरीदने आते थे। बाजार समिति द्वारा दुकानदारों के लिए शेड का भी निर्माण किया गया था जो वर्तमान में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। आलम यह है कि इसकी सुधि लेने वाला भी कोई नहीं है।

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