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फास्टैग की अनिवार्यता से नेपाली वाहनों को दोहरी परेशानी

फ़ोटो ..... हिन्दुस्तान एक्सलूसिव --------------- - सीमाई इलाकों के आठ जिलों में रोजोना सैकड़ों...

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाSat, 20 Feb 2021 04:02 AM
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पूर्णिया। हिन्दुस्तान संवाददाता

15 फरवरी की मध्य रात्रि से फास्टटैग की अनिवार्यता के बाद नेपाली गाड़ियों को दोहरी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि सुपौल अररिया दालकोला , पूर्णिया और नवगछिया के समीप स्थित टोल प्लाजा से प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में नेपाली नंबर की गाड़ियां गुजरती है । भारतीय नंबर से परिवहन विभाग का रजिस्ट्रेशन नहीं होने की वजह से उन्हें डबल फाइन के रूप में टोल टैक्स देकर गुजरना पड़ रहा है । टाल टैक्स के लिए परिवहन विभाग का रजिस्ट्रेशन जरूरी है। ऐसे में नेपाली गाड़ियों का फास्ट टैग बनाने का फिलहाल कोई प्रावधान नहीं है। सीमाई इलाकों के कई टोल प्लाजा पर रोजाना औसतन 100 से अधिक नेपाली नंबर की गाड़ियां गुजरती है । एनएचआई के अधिकारी इस मामले को लेकर मुख्यालय से किसी भी तरह की गाइडलाइन नहीं मिलने की बात कह कर नेपाली गाड़ियों से डबल टोल टैक्स लेने में कोई गुरेज नहीं कर रहे हैं ।

.....एम्बुलेंस और पेट्रोलियम की गाड़ी अधिक

टोल प्लाजा पर नेपाल नंबर की एंबुलेंस और पेट्रोलियम गाड़ी की संख्या अधिक होती है। दोनों देशों के बीच रोटी रोटी का संबंध अच्छे होने की वजह से कई ऐसे लोग हैं जो नेपाल नंबर की गाड़ी को भी रखा हुआ है । ऐसे में उन्हें अब टोल टैक्स देने में परेशानी हो रही है। इस मामले को लेकर टोल टैक्स के अधिकारी विभाग से गाइडलाइन मिलने को लेकर पत्र भी एनएचआई के वरीय पदाधिकारी को प्रेषित किया है। लेकिन जब तक इस मामले को लेकर किसी भी तरह की गाइडलाइन नहीं आ जाता है। तब तक नियमानुसार डबल टोल टैक्स वसूला जा रहा है । बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल स्थित बागडोगरा हवाई अड्डा पर प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में गाड़ी जोगबनी अररिया पूर्णिया से टोल प्लाजा पार करते हुए बागडोगरा जाती है । इस वजह से उन्हें टोल टैक्स देना पड़ता है । इसके अलावा कई ऐसे बीमार लोग भी होते हैं जो नेपाली नंबर की गाड़ी अनुमति लेकर आते हैं। लेकिन इस तरह की तमाम गाड़ियों से भी दोगुना गुना टोल टैक्स लिया जा रहा है।

......घण्टों समय की होती है खपत

टोल प्लाजा पर जब नेपाली गाड़ियां गुजरती है तो उनसे डबल टोल लिए जाने के बाद भी कई तरह के सवाल करते हैं। उन्हें समझाने में काफी समय टोल प्लाजा के कर्मचारियों को देना पड़ता है। यही वजह है कि कई ऐसे ड्राइवर होते हैं जो डबल टोल देने से मना कर देते हैं । इस वजह से अक्सर झड़प भी होती है। बरसोनी टोल प्लाजा के प्रबंधक मोहित ने बताया कि नेपाली गाड़ियों से डबल टोल लेने की वजह से कई बार ड्राइवर देने से मना कर देते हैं और अक्सर इस वजह से घंटों लाइन जाम भी हो जाता है । काफी समझाने बुझाने के बाद भी मानते हैं।

...नेपाली नम्बर गाड़ी के लिए नही है कोई प्रावधान

फास्टटैग के लिए भारत के परिवहन विभाग से वाहन का रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है। इस वजह से नेपाल नम्बर गाड़ियों से डबल टोल लिया जा रहा है। इस तरह की समस्या को देखते ही एनएचआई के वरीय पदाधिकारी को पत्र प्रेषित कर सुझाव मांगे गए हैं । लेकिन जब तक कोई आदेश नहीं आता है यह व्यवस्था लागू रहेगी ।

गोपाल कृष्णा

मजिस्ट्रेट एनएचआई

मरंगा टोल प्लाजा

फास्टैग के फायदे भी

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फास्टैग की अनिवार्य के बाद समय की बचत के साथ प्रदूषण के स्तर में भी कमी आने लगी है। चंद दिन पहले 50 से 60 फीसदी वाहनों में फास्टटैग लगे चुके थे। अभी करीब 70 से 80 फीसदी वाहनों में फास्टैग लग चुके हैं। फास्टटैग वाहन अब टोल प्लाजा पर महज चंद सेकेंड के लिए रुकना होता है। पहले से ही नंबर रीड कर लिया जाता है और वाहन तुरंत रवाना हो जाता है। इससे टोल प्लाजा के आसपास प्रदूषण के स्तर में भी कमी आने लगी है। वाहन चालकों को अधिक समय नहीं लगता। जिनके वाहन पर फास्टैग लगे होते हैं, यह तुरंत प्लाजा से रवाना हो जाते हैं। इससे वाहन चालकों को समय की भी बचत होती है। फास्ट टैग से संदेश भी मिलता है। इससे ट्रक मालिक को मैसेज मिल जाता है कि उसका वाहन किस टोल से अभी गुजर रहा है। फास्टटैग ऑनलाइन रीचार्ज कराया जा सकता है। एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक वाहन चालक जागरूक हो रहे हैं। माह के अंत तक 90 से 95 फीसदी वाहनों में फास्टैग लेन से गुजरने लगेंगी।

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