मां की ममता, सेवा का धर्म
ऐसी पांच मदर, जो संभाल रही घर और दफ्तर ---------------------------------- मां की ममता। मरीजों की
ऐसी पांच मदर, जो संभाल रही घर और दफ्तर
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मां की ममता। मरीजों की सेवा का धर्म। मदर्स डे पर हमने कुछ ऐसी माताओं से बात की जो घर के साथ-साथ अपना कामकाज भी बखूबी संभाल रही हैं। बच्चों पर वह मां की ममता बरसाती हैं तो मरीजों के प्रति उनके मन में सेवाभाव की भावना रहती है। दोनों के बीच सांजस्य बनाकर वह अपनी जिम्मेवारी निभा रही हैं। कोविड काल में ऐसे ही कुछ स्वास्थ्यकर्मियों से हमने बातचीत की।
घर-दफ्तर दोनों जिम्मेवारी निभाने में नहीं हटी पीछे
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सदर अस्पताल में कार्यरत जीएनएम मधु कुमारी। पिछले पांच वर्षो से सदर अस्पताल में चिकित्सकीय सेवा प्रदान कर रहे हैं। अभी सबसे गंभीर मरीजों के लिए बनी ट्रामा कोविड सेंटर में रोगी की उपचार में लगी हुई हैं। वह बताती है कि एक तरफ घर में बच्चों की जिम्मेवारी है तो दूसरी तरफ अस्पताल में नियमित रूप से रोगी के बीच सेवा देना दोनों जिम्मेवारी बखूबी निभाती हूं। ये बताती है कि घर और दफ्तर दोनों में सामंजस्य बैठाकर कार्य अपने आप में एक अलग काम है। मगर यह सब कार्य करने वाली ही कर सकती हैं। उनका घर भागलपुर है। यहां भूतनाथ मंदिर के पास रहती हूं। घर पर दो बच्चे में एक बेटी और दूसरे बेटे दोनों से दूर रहते हुए भी ख्याल रखने में कोई कसर नहीं छोड़ती हूं। अपनी दफ्तर और घर दोनों जिम्मेवारी निभाने में कभी पीछे नहीं हटती हूं। अभी कोविड के रोगी के बीच सेवा दे रही हूं।
सांमजस्य बनाकर कर रहे कार्य
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शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र माता चौक पर स्वास्थ्य सेवा में योगदान दे रही अनुभा कुमार एएनएम। पिछले जनवरी माह से सामान्य मरीजों से लेकर कोविड वैक्सीनेशन में रोगी की सेवा में लगी हैं। खगड़िया जिले की रहने वाली है। यहां स्थानीय न्यू सिपाही टोला में रहती हैं। अनुभा कुमारी बताती है कि एक तरफ घर जाने के बाद पारिवारिक जिम्मेवारी और दूसरी तरफ कोविड 19 के बीच स्वास्थ्य सेवा दोनों अपने आप में अलग कार्य है। मगर दोनों के बीच सामांजस्य बैठाकर कार्य करना पड़ता है। घर पर जाने के साथ अपने एक बच्चों को देखना और पारिवार के अंदर के कार्य तो दूसरी स्वास्थ्य सेवा निभाना। दोनों कार्य को बेहतर ढंग से करने की भरसक बेहतर कोशिश करती हूं।
सावधानी बरतते हुए कर रही हूं सेवा
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शहर से सटे हरदा क्षेत्र सतकोदरिया उप स्वास्थ्य केन्द्र में एएनमए के पद पर जुलेखा कुमारी पदास्थापित हैं। इन्हें दो लड़की और एक लड़की। घर में बच्चों की देखभाल की जिम्मेवारी तो दूसरी तरफ मानवीय सेवा के रूप में स्वास्थ्य सेवा निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। वे बताती है कि अभी कोविड महामारी का प्रकोप चल रहा है। ऐसे में सावधानी बरतते हुए स्वास्थ्य सेवा का कार्य करना और दूसरी तरफ सभी बच्चों को भी अभी के समय में सुरक्षित रखते हुए उनकी लालन पालन से लेकर पढ़ाई लिखाई की जिम्मेवारी निभाने का काम करती हूं। वे बताती कि मानव सेवा भी धर्म है। यहां पूरी तरह से सेवा का भाव नहीं रखूंगी तो लोगों को चिकित्सा सेवा का लाभ नहीं दे सकती हैं। हमें अपने बच्चों की सेवा से दूसरों की सेवा करने के लिए प्रेरणा मिलती है। इसलिए दोनों सेवा को भली भांति निभाती हूं।
दोनों जिम्मेवारी का बखूबी पालन
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शहर के हरदा स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थापित एएनएम प्रेमलता कुमारी पिछले दस वर्षो से स्वास्थ्य सेवा में अपना योगदान दे रही हैं। मरंगा की स्थानीय निवासी है। इनके दो पुत्र हैं। घर में एक तरफ बच्चों की जिम्मेवारी तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य केन्द्र में स्वास्थ्य सेवा निभाने का काम बखूबी करती हैँ। ये बताती कि जहां स्वास्थ्य सेवा में कोई कमी नहीं रखती हूं और लोगों को सेवा देने में लगे रहते हैं वहीं घर जाने के साथ बच्चों और परिवार की ख्याल भी उतनी हीं जिम्मेवारी से उठाती हूं। यह कार्य पिछले दस वर्षो के स्वास्थ्य सेवा योगदान में करती आ रही हूं।
बच्चों को दादी के पास छोड़ मरीजों की सेवा
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एएनएम पूजा कुमारी शहर के माधोपाड़ा की रहने वाली हैं। वह पूर्णिया पूर्व स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थापित हैं। वे प्रतिदिन माधोपाड़ा से पूर्णिया पूर्व पीएचसी केन्द्र में स्वास्थ्य सेवा के लिए जाती हैं। वे अपने दो छोटे बच्चे को उनकी दादी के पास छोड़कर स्वास्थ्य केन्द्र में डयूटी करनी जाती हैं। अभी कोविड महामारी के समय भी डयूटी में पीछे नहीं है। एक साथ दो जिम्मेवारी काफी महत्वपूर्ण है। खासकर इस कोविड के समय खुद को सुरक्षित रहते हुए बच्चों का ख्याल रखना और स्वास्थ्य केन्द्र में रोगी की नियमित रूप से सेवा करना अपने आप में अलग चुनौती है। मगर यह पसंद है। क्योंकि इस चुनौती को वर्षो से करती आ रही हूं। वे बताती कि एक सात वर्ष और दूसरा डेढ़ वर्ष का बच्चा है। दोनों तरफ जिम्मेवारी निभाना कठिन है। इसे फिर भी सामंजस्य स्थापित कर निभाने में पीछे नहीं रहती हूं।
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