पूर्णिया की ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बना रहा कोसी डेयरी
-अच्छी खबर : -फोटो : 71-72 : -पूर्णिया प्रमंडल दुध संग्रहण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर, 24 प्रतिशत दूध में हुई बढ़ोत्तरी -अगले दो वर्षो में 2 लाख लीटर

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। कोसी डेयरी पूर्णिया सीमांचल के चार जिला पूर्णिया, कटिहार, अररिया एवं किशनगंज के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। इस पहल के तहत, महिलाओं को डेयरी उद्योग से जोड़ा जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं। पूर्णिया प्रमंडल ने दूध संग्रहण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। पिछले कुछ वर्षों में यहां के डेयरी उद्योग ने उल्लेखनीय प्रगति की है। पिछले वर्ष की अपेक्षा वित्तीय वर्ष 2024-25 में दूध संग्रहण के क्षेत्र में 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि किसानों और दुग्ध उत्पादकों की मेहनत के साथ-साथ डेयरी उद्योग द्वारा किए गए सुधारों का परिणाम है। वहीं दूध की विपणन में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जो काफी उत्साहवर्द्धक है। प्रतिदिन 1.30 लाख लीटर संग्रहण और 1.50 लाख लीटर विपणन किया जाता है। यह दर्शाता है कि डेयरी उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और स्थानीय किसानों को इसका भरपूर लाभ मिल रहा है।
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-10 वल्कमिल कुलर की होगी स्थापना :
-कोसी डेयरी पूर्णिया ने अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 10 वल्कमिल कुलर (थोक दूध शीतलन इकाइयों) स्थापित करने की योजना बनाई है। इससे न केवल दूध की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि किसानों को बेहतर मूल्य भी मिलेगा। इसके साथ ही कोसी डेयरी ने अपने आगामी लक्ष्यों की घोषणा की है। अगले दो वर्षों में प्रतिदिन दो लाख लीटर दूध के संग्रहण और विपणन का लक्ष्य रखा है। यह योजना क्षेत्र के डेयरी किसानों को और अधिक प्रोत्साहित करेगी तथा डेयरी उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
-जल्द खुलेगा दुध उत्पाद निर्माण इकाई :
-कोसी डेयरी पूर्णिया अगले वित्तीय वर्ष में दुध उत्पाद निर्माण इकाई का निर्माण किया जाएगा। इसके निर्माण होने से सीमांचल के बहुमुखी विकास के साथ रोजगार के मार्ग प्रशस्त होंगे। पूर्णिया में ही दूध से दही, पनीर, पेड़ा,सहित अन्य मिठाई का निर्माण किया जाएगा। इसकी इकाई खुलने से जहां बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, वहीं उत्पाद भी सस्ते, ताजा व शुद्धता की गारंटी के साथ शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में उपलब्ध होंगे। वर्तमान में सुधा डेयरी के सभी उत्पाद बाहर से लाकर यहां के बाजार में बिक्री की जाती है।
-महिला सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर जोर :
कोसी डेयरी महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। महिलाओं को डेयरी संचालन, दूध प्रसंस्करण और विपणन से जोड़ा जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस पहल से न केवल महिलाओं की आय बढ़ रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है। बता दें कि कोसी डेयरी द्वारा उठाए गए ये कदम ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। दूध उत्पादन में वृद्धि, बुनियादी ढांचे का विस्तार, और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर यह पहल न केवल क्षेत्रीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी डेयरी उद्योग को मजबूती प्रदान कर रही है। इससे आने वाले वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति में और सुधार होने की संभावना बढ़ी है।
-क्या कहते अधिकारी :
-कोसी डेयरी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए प्रयत्नशील हैं। अगले दो वर्षों में प्रतिदिन 2 लाख लीटर दूध के संग्रहण और विपणन का लक्ष्य रखा गया है। 2024-25 में दूध संग्रहण के क्षेत्र में 24 एवं विपणन के क्षेत्र में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है, जो काफी उत्साहवर्द्धक है। कोसी डेयरी पूर्णिया जल्द ही 10 वल्कमिल कुलर की स्थापना के साथ दूध उत्पाद निर्माण इकाई लगाने जा रही है।
-महताब आलम, कार्यपालक पदाधिकारी, कोसी डेयरी पूर्णिया।
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