श्रमिक कल्याण के लिए विभाग प्रतिबद्ध, जागरूकता
हिन्दुस्तान खास : पूर्णिया, हिंदुस्तान संवाददाता। सरकार और श्रम विभाग के श्रमिक कल्याण योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए श्रम विभाग प्रतिबद्ध हो गया है औ
पूर्णिया, हिंदुस्तान संवाददाता। सरकार और श्रम विभाग के श्रमिक कल्याण योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए श्रम विभाग प्रतिबद्ध हो गया है और इसके लिए श्रमिकों के बीच जागरूकता अभियान शुरू हो गया है। श्रमिकों के कल्याण योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे 18 से 65 वर्ष वाले प्रवासी श्रमिक को दुर्घटना अनुदान के लिए पर्चा पंपलेट और लीफलेट दिया जाने लगा है इस योजना के तहत प्रवासी श्रमिक की मौत पर उनके आश्रितों को 2 लाख का अनुदान देने का प्रावधान है। अनुदान के लिए श्रमिक एवं आश्रित को आवेदन करने के तरीके भी बताए जा रहे हैं और इसके साथ ही श्रमिकों के पंजीयन के लिए भी जागरूकता तेज कर दी गई है। ....क्या-क्या है कल्याण योजनाएं:
प्रवासी श्रमिक की मौत पर आश्रित को 200000 रुपया देने का प्रावधान है और दुर्घटना से मौत होने पर 400000 रुपया तथा दुर्घटना में पूर्णत: अपंग होने की स्थिति में भी अनुदान और इलाज के लिए भी पैसे मिलते हैं तथा अर्ध अपंग की स्थिति में भी जीने के लिए अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा पंजीकृत श्रमिक के बच्चों को आईटीआई और पॉलिटेक्निक में पढ़ाई के लिए भी अनुदान दिया जाता है। पंजीकृत श्रमिक के बच्चे अगर मैट्रिक और इंटर में अच्छा रिजल्ट लाते हैं तो उसे समय भी आगे की पढ़ाई के लिए अनुदान दिया जाता है। अगर किसी श्रमिक की मौत आपदा के दौरान होती है तो उसके आश्रित को 100000 रुपए का अनुदान दिया जाता है। महिला मजदूरों को मैटरनिटी लाभ भी देने का प्रावधान है जिसके तहत श्रम विभाग 90 दिनों की न्यूनतम मजदूरी के समतुल्य राशि प्रदान करती है।
....कैसे होगा पंजीयन:
श्रमिकों के पंजीयन के लिए सबसे पहले श्रमिकों को सीएससी सेंटर पर जाना पड़ेगा और वहां सारे डॉक्यूमेंट जमा करने के बाद ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद विभाग उस पर सत्यापन कार्य करेगा तत्पश्चात उसका पंजीयन हो जाएगा। सामान्य मजदूर और कामगार मजदूर के लिए आवेदन के तरीके समान हैं।
...पेंशन का भी प्रावधान:-
कम से कम 5 वर्षों तक पंजीकृत मजदूरों के लिए 60 वर्ष उम्र होने पर श्रम विभाग ने प्रतिमाह ₹1000 पेंशन के रूप में देने का प्रावधान तय किया गया है।
....अधिकारी बोले:-
सभी योजनाओं के लिए प्रचार प्रसार का काम श्रम परिवर्तन पदाधिकारी के माध्यम से करवाया जा रहा है। अधिक से अधिक मजदूरों के पंजीयन और उनकी समस्याओं से भी अवगत होने कहा गया है।
-जगन्नाथ पासवान, श्रम अधीक्षक, पूर्णिया।
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