कई केस सुलझाये, 80 लाख रुपए की रिकवरी
पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। साइबर ठगी के शिकार लोगों के रूपये रिकवरी नहीं होने के लोगों के बीच व्याप्त मिथक को

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। साइबर ठगी के शिकार लोगों के रूपये रिकवरी नहीं होने के लोगों के बीच व्याप्त मिथक को पूर्णिया के साइबर थाना ने तोड़ा है। हाल के तीन महीनों में पुलिस ने अस्सी लाख से ऊपर रिकवरी की है। हालांकि इस साइबर फ्रॉड के कुछ गंभीर मामले भी आए। पुलिस ने ऐसे आधा दर्जन से ऊपर मामलों को सुलझाया है। पुलिस को इस रिकवरी में ठगी के शिकार लोगों की जागरूकता भी सहायक सिद्ध हुई है। ठगी का सबसे बड़ा मामला जनवरी में आया था। जिसमें एक इंजीनियर से निवेश के नाम पर करीब दो करोड़ का फ्रॉड हुआ था। जिसमें पुलिस ने किस्तवार अब तक करीब 80 लाख की रिकवरी कर ली है। इसके अलावा पांच- दस हजार की ठगी के कई मामलों के पुलिस ठगी के रूपये वापस किए हैं।
टॉल फ्री नंबर 1930 पर डायल का मिल रहा है फायदा
साइबर ठगी के शिकार लोगों में धीरे-धीरे जागरूकता आई है। जिसके परिणाम स्वरूप ठगी किए गए रूपये अब पीड़ित को वापस मिल रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि साइबर पुलिस एवं बैंकों की ओर से रूपये वापस करने में तत्परता बरती जा रही है। परन्तु इसके लिए साइबर अपराध से बचने के लिए दिए गए बेवसाइट एवं टॉल फ्री नंबरों पर शिकायत की रफ्तार बढ़ी है। इसके अलावा ठगी एवं फर्जीवाड़े के मामले में साइबर थाना की ओर रूख करने की लोगों की गति भी बढ़ी है।
इन मामलों में पुलिस को मिली सफलता
साइबर थाना पुलिस को वैसे तो कई मामलों में सफलता मिली है, परन्तु इंजीनियर के साथ जनवरी में घटित ठगी एवं नवंबर महीने में गुलाबबाग में एसएससी एमटीएस परीक्षा के मास्टर माइंड की हाल में गिरफ्तारी एवं सरेंडर ने पूर्णिया के साइबर थाने की पुलिस को सूबे के फलक पर लाया है। इंजीनियर से ठगी के मामले में पुलिस सभी 1140 बैंक खातों का पता लगाया एवं अब तक करीब 80 लाख रूपये बरामद किए हैं। इसके अलावा 13 अप्रैल को पुलिस ने वरूण कुमार नामक पीड़ित को 5300, 16 अप्रैल को गौतम कुमार को 10 हजार एवं 10 अप्रैल को नौकरी के नाम पर जालसाजी के शिकार शैलेन्द्र कुमार को ठगी गई कुल राशि वापस कराई।
कोट:
साइबर ठगी के मामले में सबसे पहले लोगों को जागरूक होना होगा। इसके बाद अगर ठगी हो जाती है तो टॉल फ्री नंबर एवं बेवसाइट के साथ साइबर थाना में जितनी जल्दी शिकायत दर्ज कराई जाती है, उतनी सहूलियत रिकवरी में होती है।
-चंदन कुमार ठाकुर, साइबर थानाध्यक्ष, सह डीएसपी पूर्णिया।
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