नव्या मामला : अपहर्ताओं ने किशनगंज के लालबाग में बनाया था ठिकाना.
नव्या अपहरण मामले का पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। नव्या को किशनगंज के लालबाग में स्थित एक मकान में छिपाने की साजिश थी। एसपी विशाल शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि आफताब और शाहदाब का...
नव्या अपहरण मामले का पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। नव्या को किशनगंज के लालबाग में स्थित एक मकान में छिपाने की साजिश थी। एसपी विशाल शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि आफताब और शाहदाब का किशनगंज के लालबाग में मकान था। इसी मकान में नव्या को छिपाने की साजिश थी।
इस मकान का किराया पंकज सिंह ही देता था। आफताब जिस स्कार्पियों से नव्या को किशनगंज की तरफ ले जा रहा था। वो किसी निजी व्यक्ति का था। मगर स्कार्पियों गाड़ी शाहदाब ही चलाया करता था। नव्या के अपहरण की सूचना सदर थाना को पंकज सिंह ने ही सबसे पहले दी थी। उसने थाने को सूचना दिया था कि उनके मित्र व व्यवसायी सुरेंद्र विनायिका की बेटी नव्या का अपहर्ताओं ने अपहरण कर लिया है। इस सूचना के बाद थानाध्यक्ष सहित पूरा पुलिस महकमा हरकत में आया था।
सुरेंद्र को किया था मैसेज जरूरत होगी आपकी : दरअसल सुरेंद्र और पंकज सिंह व्यवसायिक रूप में एक दूसरे को जानते हैं। दोनों में अच्छी दोस्ती थी। पुलिस के द्वारा जब दबिश बढ़ा तो उसने सुरेंद्र को मैसेज करके बताया था कि गलती हो गयी। अब मुझे आपकी जरूरत पड़ेगी मदद कीजिएगा।
पंकज के फोन पर ही नव्या को छोड़ा गया : पुलिस के द्वारा लगातार पड़ रहे दवाब के बीच पंकज को यह आभास हो गया था कि उसका भंडाफोड़ हो चुका है। इसलिए उसने अपनी रणनीति बनाते हुए पहले नव्या को छोड़ने के लिए आफताब पर दवाब बनाया। उसने आफताब से कहा कि हर हाल में नव्या को सुरक्षित छोड़कर फरार हो जाओ। इसके बाद आफताब वहां से फरार हो गया।
लॉटरी किंग से लेकर रैक प्वाइंट पर था दबदबा : पंकज सिंह का अपराधिक इतिहास काफी पुराना है। यह लूट, हत्या के कई मामले में जेल भी जा चुका है। यह लॉटरी व्यवसाय पर अपनी पकड़ बनाने के लिए व्यवसायी राजू हत्याकांड में भी इसकी संलिप्तता की बात आयी थी। इसके अलावा सुभाष सिंह हत्याकांड में भी यह शामिल रहा है। रानीपतरा रैक प्वाइंट पर अब भी इसका दबदबा है।
पूर्व में सदर थाना और रेल थाना मामले में यह जेल जा चुका है। सूत्रों की माने तो सदर थाना क्षेत्र में अपनी साख बनाए रखने के लिए पंकज सिंह ने थाने पर भी जमकर मेहरबानी करता रहता था।
नव्या अपहरण का आरोपी महीनगांव से गिरफ्तार : किशनगंज। नव्या अपहरण कांड के आरोपी शहबाज को एक देशी कट्टा व एक नाइन एमएम का पिस्टल व पांच जिन्दा कारतूस के साथ किशनगंज पुलिस ने शुक्रवार को एसडीपीओ डॉ. अखिलेश कुमार के नेतृत्व में महीनगांव से गिरफ्तार किया। टीम में पूर्णिया पुलिस भी शामिल थी।
एसपी कुमार आशीष ने प्रेस वार्ता में बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि अपहरण कांड का आरोपी किशनगंज के महीनगांव में छिपा हुआ है। छापेमारी कर आरोपी शाहबाज को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने अपहरण कांड में उपयोग किया गया बीआर11एक्स 3475 नंबर का स्कार्पियो भी जब्त किया। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी शहबाज पूर्व में गिरफ्तार अपहरण कांड के मुख्य आरोपी आफताब का चचेरा भाई है।
शहबाज ने नव्या को पूर्णिया से लाकर किशनगंज के महीनगांव में रखा था। यही से ही फिरौती मांगे जाने की योजना थी। जब अपहरण कांड के तीन आरोपी को पकड़ा गया तब आरोपी शहबाज घबरा गया और दूरभाष पर दूसरे आरोपी से बात की और नव्या को पश्चिम बंगाल के हटवार में लाकर छोड़ दिया। अन्य अपहरणकर्ता नव्या को दूसरे गाड़ी से दालकोला लेकर आये थे। पूछताछ में आरोपी शहवाज ने नव्या को पूर्णिया से अपहरण करने की बात स्वीकार की।
एसपी श्री कुमार ने कहा कि छापेमारी टीम में सदर थानाध्यक्ष आफताब अहमद, अवर निरीक्षक संजय तिवारी, पूर्णिया सदर थाना के अवर निरीक्षक मुकेश कुमार, अवर निरीक्षक वरुण कुमार गोस्वामी, एएसआई अमरजीत कुमार, सशस्त्र बल श्याम देव यादव, मनोज कुमार सिंह, मनोज कुमार, चालक अनुरंजन पिंगुआ, उदय कुमार, राहुल कुमार, दीपक शामिल थे। एसपी ने कहा कि टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों पुरस्कृत किये जाने की अनुशंसा आईजी से की जायेगी।
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