पाठ्य पुस्तक उपलब्ध नहीं होने से पढ़ाई से वंचित हो रहे बंगला भाषी बच्चे
-एसोसियेशन ने लिखा पत्र, कहा बंगाली समुदाय के कल्याण के लिए दें ध्यान ...
पाठ्य पुस्तक उपलब्ध नहीं होने से पढ़ाई से वंचित हो रहे बंगला भाषी बच्चे
पूर्णिया। हिन्दुस्तान संवाददाता
बिहार बंगाली एसोसिएशन ने बंगला विषय की पाठ्य पुस्तक उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में उत्पन्न होने वाली परेशानी को दूर करने की मांग की है। इस संदर्भ में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एके बोस ने बिहार के शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद संतोष कुमार, विधायक विजय खेमका और विधायक लेशी सिंह का ध्यान आकर्षित करते हुए पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि बिहार राज्य में बहुतायत संख्या में बंगला भाषी लोग निवास करते हैं। वे अपने बच्चे को मातृभाषा बंगला पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन बंगला पाठ्य पुस्तक उपलब्ध नहीं होने के कारण वे मातृभाषा से वंचित हो रहे हैं। बोस ने अपने पत्र में बताया कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् द्वारा बंगला पुस्तकें स्कूल में उपलब्ध नहीं करायी जा रही है और ना ही स्कूल से बंगला पुस्तकों की मांग पत्र मांगी जा रही है। इसके अलावे बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक्स पब्लिशिंग कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा भी पुस्तक विक्रेताओं को बंगला पुस्तकें बेचने के लिए उपलब्ध नहीं करायी जाती है। उन्होने आगे लिखा कि पुस्तकों के अभाव में बांग्ला भाषी छात्र-छात्रा बंगला विषय पढ़ने से कतरा रहे हैं और लगातार इनकी संख्या घटती जा रही है, जबकि सरकारी विद्यालयों में बंगला विषय पढ़ाने के लिए शिक्षक हैं, लेकिन वह पाठ्य पुस्तक के अभाव में पढ़ा नहीं पा रहे हैं। बोस ने अपने पत्र में मांग की है कि शीघ्र बंगला पुस्तक उपलब्ध करायी जाये ताकि बांग्ला मातृभाषा विलुप्त होने से बच सके और बंगाली समुदाय का कल्याण हो सके।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।