बिहार में अफसर राज, माफिया चला रहे सरकार; CM नीतीश पर पप्पू यादव का हमला, BPSC पर भी भड़के
पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में नीतीश राज समाप्त हो गया और बिहार में अफसर राज चल रहा है। अफसरों ने कब्जा कर लिया है और माफिया, गुंडे और अफसर के सांठ गांठ से बिहार चल रहा है। इसी वजह से छात्रों पर लाठी चार्ज की घटना हुई।
बीपीएससी परीक्षा विवाद और पटना में सिविल सेवा के अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज मामले में पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने नीतीश कुमार पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा है कि बिहार में अब नीतीश राज नहीं बल्कि अफसर राज है। माफिया पीछे से सरकार चला रहे हैं। पप्पू यादव ने बीपीएससी पर भी कई गंभीर आरोप लगाए और फॉर्म भरने से वंचित छात्र छात्राओं को फिर से मौका देने की मांग की।
बीपीएससी नॉर्मालाइजेशन का विवाद थम नहीं रहा है। इस पर राजनीति तेज होती जा रही है। खासकर शुक्रवार को पटना में आयोग के कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राओं पर लाठी चार्ज की आग ठंडी नहीं पड़ रही है। विपक्ष नीतीश कुमार और उनकी सरकार को लागातार घेर रहा है। पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार की डबल इंजन सरकार की खिंचाई की और अब पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने मोर्चा खोल दिया है। छात्रों पर लाठी चार्ज के सवाल पर पत्रकारों से बात करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि बिहार में नीतीश राज समाप्त हो गया और बिहार में अफसर राज चल रहा है। अफसरों ने कब्जा कर लिया है और माफिया, गुंडे और अफसर के सांठ गांठ से बिहार चल रहा है।
बिहार में नॉर्मलाइजेशन को लेकर छात्रों का बवाल एजुकेशन माफिया की देन है। माफिया और बीपीएससी के बीच सांठ गांठ है। पैसा कमाने के लिए अभ्यर्थियों के करियर से खिलवाड़ किया जा रहा है। लेकिन अभी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सर्वर डाउन होने की वजह से जिन छात्र छात्राओं को फॉर्म भरने का मौका नहीं मिला उनसे फिर से अवसर देना चाहिए। लेकिन बीपीएससी अपनी जिद पर अड़ा है।
बिहार की डबल इंजन सरकार पर तंज कसते हुए पप्पू यादव ने कहा कि राज्य के विकास से इन्हें कोई मतलब नहीं है। जहां मंदिर हो गया, भगवान हो गया, हिंदू-मुसलमान हो गया, जात-पात हो गया, देश की जनता मरे या हरे इससे क्या लेना देना है। केंद्र सरकार पर भी उन्होंने किसानों के हित से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। जब चुनाव आया तो समझौता कर लिया और बाद में सब भूल गए। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के किसान जागरुक नहीं है।