वोट मांगने नक्सल प्रभावित छकरबंधा गए थे प्रशांत किशोर, मोबाइल का टावर लगवाने लगे
- विधानसभा उपचुनाव के जरिए जन सुराज पार्टी का दमखम दिखाने उतरे प्रशांत किशोर ने इमामगंज के नक्सल प्रभावित चकरबंधा गांव में मोबाइल का टावर लगवाने का काम शुरू करवा दिया है। गांव में मोबाइल काम नहीं करता और बात करने के लिए अभी लोगों को पहाड़ चढ़ना पड़ता है।
गया जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर जंगल और पहाड़ के बीच बसे छकरबंधा गांव में आज तक मोबाइल का नेटवर्क नहीं आता। लोगों को मोबाइल फोन से बात करने के लिए पहाड़ या ऊंचाई वाली किसी ऐसी जगह पर जाना पड़ता है जहां दूसरे इलाकों में लगे मोबाइल टावर का नेटवर्क पकड़ सके। छकरबंधा गांव इमामगंज विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है जिसके विधायक नौ साल से जीतनराम मांझी रहे। इस दौरान वो नौ महीने बिहार के मुख्यमंत्री रहे और अब गया सीट से लोकसभा सांसद बनने के बाद केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री हैं।
नक्सल प्रभावित रहे इस इलाके में मांझी के विधानसभा से इस्तीफे की वजह से लगभग एक साल के बचे हुए कार्यकाल का विधायक चुनने के लिए उपचुनाव हो रहा है। 13 नवंबर को मतदान है जिसके लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और इंडिया गठबंधन (महागठबंधन) के साथ ही नई-नवेली जन सुराज पार्टी भी मैदान में है। जीतनराम मांझी से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उदय नारायण चौधरी लगातार चार बार विधायक रहे और स्पीकर भी बने। लेकिन इस गांव को संचार क्रांति का कोई लाभ नहीं मिल पाया। जहां गया के ही दूसरे गांवों के लोग वीडियो कॉल कर रहे रहे हैं वहीं छकरबंधा के लोग बात ही नहीं कर पा रहे हैं।
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जन सुराज पार्टी के कैंडिडेट जितेंद्र पासवान के लिए वोट मांगने छकरबंधा पहुंचे प्रशांत किशोर ने मंच से ऐलान किया कि चाहे गांव के लोग जिसे भी वोट दें, वो इस गांव में अपने पॉकेट या संसाधन से मोबाइल का टावर जनवरी तक लगवा देंगे। प्रशांत किशोर ने रविवार को यह घोषणा की और बुधवार को वहां एयरटेल कंपनी ने टावर लगाने का काम शुरू कर दिया। पीके ने बुधवार को प्रेस से बात करते हुए कहा कि लोगों ने उनसे कहा था कि यहां टावर की जरूरत है और इसे लगवाना चाहिए। प्रशांत ने बताया कि उन्होंने सेल्युलर सर्विस कंपनी के मालिक से बात की है और वहां अब एयरटेल का टावर लगना शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि समय तो दो महीने का मांगा था लेकिन अब लगता है कि दस दिन में लग जाएगा।
प्रशांत किशोर के द्वारा एयरटेल प्रबंधन से बात करने के बाद एयरटेल की टीम ने 15 हजार लोगों की आबादी वाले छकरबंधा पंचायत में सर्वे का काम शुरू कर दिया है। सर्वे टीम ने लोगों से इस बात की जानकारी ली है कि यहां कितने लोगों के पास एंड्रॉयड फोन है। सरकारी शिक्षक हाजिरी कैसे बनाते हैं? ऑनलाइन पढ़ाई कैसे होती है। टीम ने स्थानीय लोगों से कहा है कि एक महीने के अंदर यहां टावर लग जाएगा और नेटवर्क आ जाएगा।
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इमामगंज सीट से एनडीए की तरफ से जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने दीपा मांझी को लड़ाया है। दीपा मांझी की बहू हैं और उनकी पार्टी हम के अध्यक्ष संतोष सुमन की बीवी हैं जो नीतीश सरकार में मंत्री भी हैं। राजद ने उदय नारायण चौधरी की इमामगंज से फिर ना लड़ने की इच्छा को देखते हुए पूर्व सांसद राजेश मांझी को टिकट दिया है। जन सुराज ने यहां से एक गैर मांझी दलित जितेंद्र पासवान को लड़ाया है जो रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर हैं।
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छकरबंधा पंचायत इमामगंज विधानसभा के डुमरिया प्रखंड में घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच बसा है। नक्सलवाद के दौर में पंचायत की गिनती नक्सल प्रभावित इलाकों में होती थी। लोगों की शिकायत है कि कोई बड़ा नेता गांव नहीं आता है। चुनाव के समय जो आते हैं वो झूठे वादे करके चले जाते हैं। सड़क और बिजली तक हाल में आई है। जहां देश के लोग संचार क्रांति में 2 जी से 5 जी तक पहुंच चुके हैं, यह गांव बिना किसी जी के ही जिए जा रहा है।
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2012 के पहले नक्सलियों के गढ़ छकरबंधा को "लाल गढ़" नाम दे दिया गया था। 2012 में गांव में सीआरपीएफ की एक टुकड़ी आई और 2013 से सीआरपीएफ के जवान कैंप बनाकर यहां ड्यूटी कर रहे हैं। छकरबंधा थाना के भवन का उद्घाटन भी 4-5 महीने पहले हुआ है। उससे पहले थाना भी सीआरपीएफ कैंप से ही चलता था। यदि गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसे कंधे पर 8 किमी पैदल पहाड़ियों से नीचे लाते हैं। फिर वहां से गया जाने की गाड़ी मिलती है।