पुलिसवाले ने डंडे से वार कर फोड़ दी वकील की आंख, NHRC सख्त; मुआवजे का आदेश
उसके बाद एक पुलिसकर्मी ने अधिवक्ता पंकज कुमार के आँख को डंडे से भोंक दिया। वे दर्द से कराहते हुए जमीन पर गिर गए। तब सभी पुलिसकर्मी वहाँ से भाग गए। अधिवक्ता पंकज कुमार का इलाज शंकर नेत्रालय कोलकाता में हुआ। उनकी एक आँख की रौशनी खत्म हो चुकी है
बिहार में मुजफ्फरपुर जिले के काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के माड़ीपुर पावर हाउस चौक पर वाहन जांच के दौरान सिपाही ने वकील गन्नीपुर निवासी पंकज कुमार को डंडा मार दिया था। कार के विंडो स्क्रीन से डंडा लगने के कारण कार की ड्राइविंग सीट पर बैठे पंकज कुमार की आंख फुट गई थी। मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को पीड़ित अधिवक्ता को 25 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। आयोग ने मामले में मुख्य सचिव के विरुद्ध 'कारण बताओ' नोटिस भी जारी किया था और मामले में दो सप्ताह के भीतर जबाव मांगा था, लेकिन मुख्य सचिव ने कोई जबाव नहीं दिया था।
विगत 21 अगस्त को मामले की सुनवाई के दौरान सख्त रुख अपनाते हुए आयोग कहा कि सरकार अपनी मुआवजा देने की जबावदेही से नहीं भाग सकती है, क्योंकि यहां एक लोक सेवक ने मानवाधिकार का उल्लंघन किया है। जिस कारण पीड़ित को अपनी एक आँख गँवानी पड़ी। आयोग ने मुख्य सचिव को पीड़ित पंकज कुमार को चार सप्ताह के अंदर 25 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।
विदित हो कि 7 फरवरी को अधिवक्ता पंकज कुमार रात्रि के लगभग 11:40 बजे पटना से अपने आवास गन्नीपुर लौट रहे थे। तब पावर हाउस चौक पर पहले से मौजूद काजीमोहम्मदपुर थाने के पुलिसकर्मी वाहन जांच के लिए खड़े थे। पुलिसकर्मियों ने उनकी गाड़ी को रोका और पूछा गया कि वे कहाँ से आ रहे हैं? जबतक अधिवक्ता कुछ बोल पाते तबतक पुलिस पदाधिकारी ने उन्हें गाली देते हुए पुलिसकर्मियों को उन्हें मारने का आदेश दे दिया।
उसके बाद एक पुलिसकर्मी ने अधिवक्ता पंकज कुमार के आँख को डंडे से भोंक दिया। वे दर्द से कराहते हुए जमीन पर गिर गए। तब सभी पुलिसकर्मी वहाँ से भाग गए। अधिवक्ता पंकज कुमार का इलाज शंकर नेत्रालय कोलकाता में हुआ। उनकी एक आंख की रौशनी खत्म हो चुकी है। पूरे मामले की जानकारी पीड़ित अधिवक्ता पंकज कुमार ने मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एसके झा के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली तथा बिहार मानवाधिकार आयोग, पटना को दी थी। जिसपर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुआवजे हेतु कार्रवाई की है।
20 लाख मुआवजा का किया जायेगा आग्रह
मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि यह पूरा प्रकरण मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर श्रेणी का मामला है। आयोग मामले को लेकर शुरू से ही काफी सख्त है और आयोग के द्वारा मामले को काफी गंभीरता से लिया गया है। विदित हो कि मामले में अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी, जिसमें पीड़ित अधिवक्ता को 20 लाख रूपये मुआवजा दिलाने एवं दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने का अनुरोध किया जायेगा।