Hindi Newsबिहार न्यूज़Pitru Paksh Mela 2024 Heavy Crowd in Gaya for Pindadan and Tarpan Vishnupad Mandir Bhrhma Sarovar

Pitru Paksh Mela: पिंडदानियों से पटा गया का ब्रह्म सरोवर, चार दिनों तक विष्णुपद में होगा तर्पण

अलग-अलग प्रदेश के पिंडदानी जत्थे में बैठकर पूर्वजों के लिए पिंडदान का विधान किया। इनमें सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़, हरियाणा व राजस्थान के मारवाड़ी परिवार हैं। पितृपक्ष पखवारे के छठे दिन रविवार को पिंडदानी विष्णुपद मंदिर परिसर वेदियों पर पिंडदान शुरू करेंगे।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, गयाSun, 22 Sep 2024 10:27 AM
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बिहार की मोक्षनगरी गया में पितृपक्ष मेला धीरे-धीरे परवान चढ़ रहा है। त्रिपाक्षिक के अलावा एक और तीन दिनी पिंडदान करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पितृपक्ष के पांचवें दिन शनिवार को शहर के माड़नपुर इलाके में स्थित वेदियों पर पिंडदान किया। ब्रह्म सरोवर में बैठकर तीर्थयात्रियों ने पितरों के मोक्ष की कामना की। आश्विन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के अनुसार ब्रह्मसत, कागवलि, आम्रसचेन पर कर्मकांड कर तारकब्रह्म दर्शन वेदी कर्मकांड किया। भीड़ बढ़ जाने के कारण खूबसूरत ब्रह्म सरोवर के अलावा वैतरणी तालाब परिसर में भी बैठकर सैकड़ों तीर्थयात्री पिंडदान करते दिखे।

अलग-अलग प्रदेश के पिंडदानी जत्थे में बैठकर पूर्वजों के लिए पिंडदान का विधान किया। इनमें सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़, हरियाणा व राजस्थान के मारवाड़ी परिवार हैं। पितृपक्ष पखवारे के छठे दिन रविवार को पिंडदानी विष्णुपद मंदिर परिसर वेदियों पर पिंडदान शुरू करेंगे।

अहले सुबह फल्गु के घाट पर वेदियों पर पिंडदानियों की भीड़

त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध करने वालों से ज्यादा भीड़ एक,तीन और इसके ज्यादा वालों की भीड़ है। विष्णुपद का इलाका तीर्थयात्रियों से पटा नजर आया। फल्गु के घाट पर बाइपास से लेकर रबर डैम तक बने नौ पंडाल पिंडदानियों से भरे रहे। खुले में भी सैकड़ों तीर्थयात्री पिंडदान करते नजर आए। एक दिन वाले फल्गु में स्नान-तर्पण के बाद विष्णुपद में पिंडदान और अक्षयवट में सुफल लेने के बाद पिंडदान संपन्न कर रहे हैं।

तीन दिन वाले फल्गु में स्नान तर्पण, दूसरे दिन ब्रह्मकुंड में तर्पण और श्राद्ध, प्रेतशिला, रामशिला व रामकुंड पर कर्मकांड और तीसरे दिन फल्गु में स्नान-तर्पण के बाद विष्णुपद वेदी, रूद्रपद वेदी, ब्रह्मपद वेदी पर पितरों को मोक्ष दिलाने की कामना कर रहे हैं।

गयापाल व विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विह्वल और सचिव गजाधर लाल पाठक ने बताया कि त्रिपाक्षिक वाले को छोड़कर अगले दो-तीन दिनों में एक और तीन दिनी पिंडदान करने वालों की संख्या और बढ़ेगी। खासकर विष्णुपद मंदिर और फल्गु के घाटों पर भीड़ अधिक होगी।

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पितृपक्ष में भाद्रपद कृष्ण पक्ष की पंचमी (रविवार) से लेकर अष्टमी तिथि (बुधवार) तक विष्णुपद मंदिर में त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध कर रहे तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ेगी। मंदिर परिसर में 16 वेदियों सहित अन्य तीन वेदियों पर पिंडदान को तीर्थयात्री रविवार की सुबह से यहां जुटेंगे।

पिंडदान के बाद दर्शन-पूजन को विष्णुपद के गर्भगृह में भी पिंडदानियों की कतार लगेगी। चार दिनों तक परिसर में स्थित 19 वेदियों पर पिंडदान का विधान होने लेकर श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति ने विशेष तैयारी की है। त्रिपाक्षिक के अलावा एक और तीन दिन पिंडदान करने वालों की भारी भीड़ होगी।

आज खीर से बने पिंड से होगा पिंडदान

पंचमी (पहला दिन) रविवार को तीर्थयात्री विष्णुपद वेदी पर खीर से बने पिंड को अर्पित पितरों को मोक्ष दिलाने की कामना करेंगे। इसके साथ ही रूद्रपद व ब्रह्मपद पिंडवेदियों पर श्राद्धकर्म करेंगे। षष्ठी (दूसरा दिन) सोमवार को कार्तिकपद, दक्षिणाग्निपद ,गार्हपत्याग्निपद, आह्वीयाग्निपद वेदियों पर पर पिंडदान को तीर्थयात्री जुटेंगे। सप्तमी (तीसरा दिन ) मंगलवार को तीर्थयात्री सूर्यपद, चंद्रपद, संध्याग्निपद, आवसंध्याग्नि पद, दधीचि पद पूर्वजों को याद कर देश के कोने-कोने से आए तीर्थयात्री गयाश्राद्ध करेंगे। विष्णुपद मंदिर परिसर में अंतिम दिन अष्टमी (बुधवार) को कन्वपद, मतंगवापी, क्रौंचपद, इंद्रपद, अगस्त्यपद, काश्यप पद पर पिंडदानी गयाश्राद्ध करेंगे। इसके साथ ही गजकर्णपद वेदी पर दूध से तर्पण के बाद अन्नदान करेंगे।

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