जल-जीवन-हरियाली अभियान सीएम की दूरदर्शी सोच का परिणाम : हजारी
जल-जीवन-हरियाली अभियान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शिता का परिणाम है। इस अभियान के तहत तालाबों, पोखरों और अन्य जलस्रोतों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। पौधरोपण से हरित क्षेत्र बढ़ रहा है और भू-जल...
जल-जीवन-हरियाली अभियान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परिकल्पना और दूरदर्शी सोच का सार्थक परिणाम है। इसकी सराहना आज पूरे देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है। यह अभियान मानव जीवन को सुरक्षित रखने वाली ऐसी व्यापक और बहुआयामी सोच पर आधारित है, जिससे हमारा वर्तमान और भविष्य संवरता है। ये बातें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री महेश्वर हजारी ने मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में कही। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संवाद कक्ष में आयोजित इस समारोह में मंत्री श्री हजारी ने कहा कि राज्य सरकार इस अभियान के तहत सार्वजनिक चल-संचयन संरचनाओं, यथा- तालाबों, पोखरों, आहरों, पइनों आदि का अतिक्रमण मुक्त कराकर उनका जीर्णोद्धार करा रही है। छोटी-छोटी नदियों, नालों और पहाड़ी क्षेत्रों के जलग्रहण इलाकों में चेक-डैम आदि जलस्रोतों का निर्माण भी कराया जा रहा है। सरकारी भवनों की छतों पर होने वाली बारिश का पानी का संचयन करने के लिए भी संरचनाओं का निर्माण कराया जा रहा है। सघन पौधरोपण किया जा रहा है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाकर जल-जीवन-हरियाली अभियान के प्रति आमजनों में जागरूकता पैदा करने के लिए कई पहल की है। मौके पर विभाग के निदेशक वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि इस अभियान से राज्य में भू-जल स्तर में सुधार हुआ है। वहीं, पौधरोपण से राज्य में हरित क्षेत्र बढ़ा है। नये जलस्रोतों से सिंचाई की सुविधाएं बढ़ी हैं। समारोह में अभियान की मिशन निदेशक प्रतिभा रानी ने कहा कि मुख्यमंत्री के सपनों के अनुरूप इसके तहत कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसके लिए आवश्यक धनराशि की भी पूरी व्यवस्था की गयी है। कार्यक्रम के बाद सूचना भवन परिसर में पौधरोपण भी किया गया। समारोह में विभाग के अपर सचिव संजय कृष्ण, संयुक्त निदेशक रविभूषण सहाय, उप निदेशक लालबाबू सिंह, डॉ. सुनील कुमार पाठक, भवन निर्माण विभाग के प्रतिनिधि विनोद चौधरी, पंचायती राज विभाग के अधिकारी तबरेज आलम, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के आरके सिन्हा, ऊर्जा विभाग के प्रशांत कुमार समेत विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों ने अपनी राय रखी।
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