पटना: ट्रेनी सिपाही की मौत के बाद पुलिस लाइन में बवाल, एसएसपी पर फेंकी चप्पलें
राजधानी पटना के लोदीपुर स्थित पुलिस लाइन में शुक्रवार की सुबह जमकर बवाल हुआ। कानून के रक्षकों ने ही महकमे को शर्मसार कर दिया। बीमारी से एक महिला सिपाही सविता कुमारी पाठक की अस्पताल में मौत के बाद...
राजधानी पटना के लोदीपुर स्थित पुलिस लाइन में शुक्रवार की सुबह जमकर बवाल हुआ। कानून के रक्षकों ने ही महकमे को शर्मसार कर दिया। बीमारी से एक महिला सिपाही सविता कुमारी पाठक की अस्पताल में मौत के बाद बाकी के सिपाही भड़क गये। पुलिस लाइन में तोड़फोड़ के बाद बाहर सड़क पर भी गाड़ियों को पलट दिया। ग्रामीण एसपी, डीएसपी सहित कई थानेदारों को पीट दिया। बाहर मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ा तो लोदीपुर के ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों में जमकर पथराव हुआ। इस तरह करीब पांच घंटे तक लोदीपुर रणक्षेत्र बना रहा।
दरअसल, सविता की मौत के बाद डेंगू से पीड़ित होने के बावजूद उसे छुट्टी नहीं देने का आरोप लगाकर जवानों ने हंगामा शुरू कर दिया। जवानों का कहना था कि बीमार अवस्था में भी उससे ड्यूटी करायी गयी जिस कारण सविता ने दम तोड़ दिया। महिला जवान मूल रूप से सीवान जिले की रहने वाली थी। आक्रोशित महिला रंगरूटों ने सबसे पहले पुलिस लाइन के डीएसपी मो. मसलेहउद्दीन को टारगेट किया। सभी उनके घर में घुसकर हंगामा करने लगे। यह देख लाइन डीएसपी अपने दफ्तर में गये और सिपाहियों को समझाने की कोशिश की। अभी वे दफ्तर में ही थे कि सैकड़ों महिला सिपाही और रंगरूट वहां जमा हो गयीं और तोड़फोड़ शुरू कर दी।
कार्यालय में रखे टीवी, फर्नीचर और शीशे को तोड़ डाला। यह देख लाइन डीएसपी पीछे हटे तभी सिपाहियों ने उन्हें घेर लिया और लाठी-डंडे से पिटाई कर दी। लाइन डीएसपी के बॉडीगार्ड उमेश और अन्य तीनों जब उन्हें बचाने गये तो उन्हें भी चोट आयी। किसी तरह भागकर डीएसपी ने अपनी जान बचायी। इसके बाद आक्रोशित सिपाहली लाइन में स्थित सार्जेंट मेजर आशीष सिंह के घर में घुसकर वहां खड़ी करीब आठ गाड़ियों को निशाना बनाया। आवास के किचन तक में आक्रोशित जवानों ने तोड़फोड़ की। सार्जेंट मेजर के परिजनों को भी नहीं बख्शा।
ग्रामीण एसपी की पिटाई, करनी पड़ी फायरिंग
पुलिस लाइन में बवाल होने की खबर मिलते ही ग्रामीण एसपी आनंद कुमार मौके पर पहुंचे। एसपी ग्रामीण अभी बात ही कर रहे थे कि नये सिपाहियों ने उन पर भी हमला कर दिया। एकाएक सैकड़ों जवान एसपी पर टूट पड़े और उनकी पिटाई कर दी। एसपी की गाड़ी को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया। अपने साहब की जान बचाने को लेकर उनके बॉडीगार्ड ने हवा में गोलियां तड़तड़ायीं जिसे देखकर बवाल करने वाली महिला सिपाही पीछे हटीं और एसपी को किसी तरह वहां से निकाला जा सका।
पथराव, गाड़ियों के शीशे तोड़े, लोगों को पीटा
उपद्रवी महिला और पुरुष सिपाहियों ने पुलिस लाइन के दफ्तर को क्षतिग्रस्त कर दिया। टेबल-कुर्सी से लेकर वहां लगे पर्दे तक उखाड़ कर फेंक दिये गये। फाइलों को फाड़ डाला गया। लाइन में लगी एक-एक गाड़ियों को क्षतग्रस्त कर उन्हें पलट दिया। इसके बाद सभी पुलिस लाइन से बाहर निकले और सड़क पर आते-जाते राहगीरों की पिटाई शुरू कर दी। कई आम लोगों की गाड़ियों के शीशे तोड़ डाले गये। सिपाहियों ने पुलिस लाइन के बगल में स्थित मंदिर में लगे सीसी कैमरे तक को तोड़ डाला। स्थानीय लोगों के विरोध करने पर उन्हें भी पीटा गया। महिला सिपाहियों ने पुलिस लाइन से लेकर सड़क पर जमकर रोड़ेबाजी की।
थानेदारों को पीटा, बुजुर्ग सिपाहियों पर बरसाये डंडे
महिला और पुरुष जवानों को शांत करवाने गये पीरबहोर सहित कई थानेदारों को पीटा गया। कई पुराने और बुजुर्ग सिपाहियों पर भी महिला जवानों ने लाठी-डंडे की बौछार की।
पहुंचे एसएसपी, बीएमपी की बटालियन बुलायी गयी
इधर, हालात बेकाबू देख पटना शहरी क्षेत्र के तकरीबन सभी थानों की पुलिस को बुला लिया गया। तब भी हालात सामान्य नहीं हुये तो बीएमपी की बटालियन बुलायी गयी। एसएसपी मनु महाराज अपनी टीम के साथ पुलिस लाइन पहुंचे। बाहर उग्र हुये आम लोगों को समझाने के बाद एसएसपी पुलिस लाइन के अंदर गये। उन्होंने महिला सिपाहियों को समझाया। उन्हें अपनी मांग लिखित रूप से देने को कहा गया। तब कहीं जाकर दोपहर ढाई बजे हालात काबू में आये।
मीडियाकर्मियों पर जानलेवा हमला
हंगामा का कवरेज करने गये मीडियाकर्मियों पर महिला और पुरुष जवानों ने हमला बोल दिया। एक निजी चैनल के कैमरामैन राहुल कुमार पर हमला कर उन्हें अधमरा कर दिया। जवान उन्हें तब तक पीटते रहे जब तक राहुल बेहोश नहीं हुये। किसी तरह राहुल के पास खड़े पत्रकार संजय कुमार उन्हें लेकर बाहर निकले।
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