'वीर बटुकेश्वर' के माध्यम से युवाओं ने जाना बटुकेश्वर दत्त के बलिदान को
पटना। वरीय संवाददाता "आज जहां तुम खेल रहे हो..... किसी समय इसी स्थान
पटना। वरीय संवाददाता
"आज जहां तुम खेल रहे हो..... किसी समय इसी स्थान पर जेल की कोठरी थी, जहां असेम्बली भवन में बम विस्फोट करने के पश्चात भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त को रखा गया था।" कौन भगत सिंह....कौन बटुकेश्वर दत्त....? ऐसे ही मन को झकझोरने और आत्ममंथन को मजबूर करने वाली संवाद से शुरू हुआ वीर बटुकेश्वर नुक्कड़-नाटक का मंचन। अस्मि फाउंडेशन एवं संस्कार भारती के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बिहार के 25 क्रांतिकारियों के जीवन पर आधारित नुक्कड़-नाटक श्रृंखला 'नमन हे क्रांतिदूत' कार्यक्रम का शुभारंभ एनआईटी के समीप गांधी घाट पर हुआ। रीतेश परमार द्वारा लिखित व नरेंद्र सिंह द्वारा निर्देशित इस श्रृंखला का पहला नुक्कड़-नाटक वीर बटुकेश्वर के मंचन के माध्यम से बिहार के विप्लवी क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त का देश की आज़ादी के प्रति अप्रतिम दीवानगी को दर्शाया गई। आज़ादी के लिए उनके संघर्ष और आज़ादी के पश्चात व्यक्तिगत जीवन के जद्दोजहद को इस 30 मिनट तक दिखाया गया। अस्मि फाउंडेशन के सचिव रितेश परमार व कार्यक्रम के संचालक संजय सिन्हा ने बताया कि कार्यक्रम के माध्यम से आज के युवाओं को ऐसे वीर सपूतों के जीवन से अवगत कराना है ताकि आज के युवा ऐसे महान लोगों के जीवन से प्रेरणा ले सके। फाउंडेशन की ओर से 15 अगस्त तक पटना के विभिन्न सार्वजनिक स्थल (जहां युवाओं की मौजदूगी अधिक होती है) पर इसका मंचन किया जाएगा। नुक्कड़-नाटक में बतौर कलाकार सुशांत चक्रवर्ती, नरेंद्र सिंह, अनुराग कुमार, सपना कुमारी, प्रभाकर शास्त्री ने अभिनय किया। वस्त्र विन्यास अभिमन्यु प्रिय तथा रूप सज़ा उदय सागर ने एवं व्यवस्था संचालन का काम पंकज कुमार, विवेक इत्यादि ने किया।
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