घटी आमदनी तो घर लौटने लगे हैं प्रवासी
टैग: जंक्शन लाइव पटना। दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में
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पटना।
दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में कोरोना के तेजी से बढ़ रहे मामलों से कामगारों की आमदनी घट गई है। आलम यह है कि सूबे के विभिन्न जिलों में काम करने वाले बंद होती औद्योगिक इकाईयों व काम नहीं मिलने के साथ ही छंटनी के शिकार लोग एक बार फिर से घट लौटने को बेबस हैं। हिन्दुस्तान संवाददाता ने पटना जंक्शन पर अलग अलग शहरों से लौटने वाले लोगों से बात की। सामने आया कि काम करने वालों की कमाई घट जाने से उनके सामने फिर से जीविका का संकट खड़ा हो गया है। वहीं, अपने गांव जवार से बाहर रहने की पीड़ा के साथ ही पिछले वर्ष की टीस भी परदेसी लोगों में फिर से उठने लगी है कि उन्हें फिर से बेरोजगारी का दंश न झेलना पड़े। हालांकि, लौटने वालों में कुछ ऐसे भी हैं जो खेती में कटाई के काम के लिए लौट रहे हैं। लेकिन उनमें भी कोरोना का खौफ साफ झलका।
रात के नौ बजकर दो मिनट हो रहे हैं। गाड़ी संख्या 03484 दिल्ली मालदा फरक्का एक्सप्रेस जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या दो पर रूकी है। ट्रेन से काफी संख्या में दिल्ली से आने वाले यात्री भी हैं। पटना सिटी के रहने वाले राजू दिल्ली में आठ महीने पहले गए थे। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले से उनकी कंपनी में काम को बहुत कम कर दिया गया है। उन्हें घर जाने को कंपनी से अल्टीमेटम मिलने के बाद वे लौट रहे हैं। कहा कि कोरोना सामान्य होने पर काम पर वापस बुलाने की बात कंपनी प्रबंधन ने कही है। लेकिन वे अब सिटी में रहकर ही छोटा मोटा धंधा करेंगे। कहा कि उनकी माली स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन पड़ोसी से कर्ज लेकर फेरी के काम की तैयारी में हैं।
इसी तरह लखीसराय के कलानु भी दिल्ली से वापस लौट गए हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के चलते फैक्ट्री में काम की कमी के चलते निकाल दिया गया है। ऐसे में उनको वापस लौटना पड़ा है। कहा कि घर में अकेले कमाने वाले हैं, लेकिन अब कोई विकल्प नहीं मिलने से वे घर में खेती के काम में मजदूरी करेंगे। कहा कि पैसे घट जाने के कारण घर से मंगाकर लौटना पड़ा है।
पठानकोट से लौटकर आने वाले लखीसराय के 17 वर्षीय लक्ष्मण कुमार पटना जंक्शन पर किउल जाने वाली गाड़ी के इंतजार में थे। इन्होंने बताया कि घर में गेहूं की कटाई करने के लिए आए हैं। कहा कि कोरोना का पठानकोट में पहले डर नहीं था, लेकिन अब वापस जाना मुश्किल लग रहा है। कहा कि गेहूं की कटाई के बाद स्थिति सामान्य होने पर दोबारा जाएंगे। घर में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कहा कि छह महीने पहले कर्ज लेकर बाहर गए थे, अब फिर से कर्ज लेने की नौबत आएगी। छह वर्ष से बाल उम्र में ही पठानकोट में काम करने जा रहे हैं। पठानकोट से आ रहे मिथुन ने बताया कि पांच वर्ष से काम करने जा रहे हैं। कहा कि वहां कोई दिक्कत नहीं है। कहा कि खेती बाड़ी करके फिर जाएंगे।
उधर, गाड़ी संख्या 02013 बांद्रा सहरसा स्पेशल से आने वाले मसौढी के राजकुमार ने बताया कि मुंबई में स्थिति भयावह हो रही है। डर के कारण वे परिवार संग लौट रहे हैं। कहा कि पूरा परिवार वहीं रहता है, लेकिन अब कोरोना के फिर से पांव पसारने के कारण उन्हें लौटना पड़ा है। कहा कि गांव में भूमिहीन होने के कारण खेती का विकल्प भी नहीं है। लेकिन इनको उम्मीद है कि खेती में मजदूरी का काम मिलने से रोटी का जुगाड़ हो जाएगा।
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