साहित्य के साथ संगीत उस्तादों का हुआ जमावड़ा
-तेजश्री ने ताई के विषय में कई अनसुनी बातें साझा कीं - दो दिवसीय ‘रंगों-अदब
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नवरस स्कूल ऑफ परफोर्मिंग आर्ट्स, अहद अनहद व बिहार संग्रहालय के बैनर तले दो दिवसीय ‘रंगों-अदब कार्यक्रम का शुभारंभ शनिवार को बिहार संग्रहालय में किया गया। रंगो-अदब-संगीत पर साहित्य का एक उत्सव, आज संगीत उस्तादों, कलाप्रवीण लोगों, संगीत पारखियों और संरक्षकों का एक उदार जमावड़ा देखा गया। प्रदेश के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, मंत्री अशोक चौधरी, नवरस स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स के संस्थापक निदेशक डॉ. अजीत प्रधान, बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह, कथाकार अशोक वाजपेयी, लेखिका सुजाता प्रसाद ने उद्घाटन किया। कार्यक्रम शुभारंभ के पहले सत्र में तेजश्री अमोनकर ने अपने गीत ‘छननन.. बिछुआ बाजे से श्रोताओं को आनंदित कर दिया। कार्यक्रम के दौरान तेजश्री ने कहा कि पटना का आने का पहली बार मौका मिला है। इनके साथ हारमोनियम में विनय मिश्र व तबले पर विनोद लेले ने संगत किया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अमोनकर से शैलजा खन्ना ने 'वीर पथकवा लेजा संदेसवा' में तेजश्री ने ताई के विषय में कई अनसुनी बातें साझा कीं। तीसरे सत्र में साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने कहा कि संगीत विराट समय को संक्षिप्त करता है। वे 'संगीत, समय और अनंत' को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि साहित्य, ललित कला और संगीत जीवन मे आनंद प्रदान करता है। बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि दो दिवसीय कार्यक्रम में देश के जाने माने कलाकार आए हैं। संग्रहालय के लिए ऐसे आयोजन होना गर्व की बात है। डॉ. प्रधान ने अपने शब्दों में सबसे पहले नवरस स्कूल की स्थापना के बारे में बताया।
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