आलू, काबुली चना, दाल व मसालों के दाम बढ़े, रसोई पर बोझ
टैग: बेकाबू महंगाई पटना। रविशंकर सिंह बेकाबू होती महंगाई ने आम आदमी के
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पटना। रविशंकर सिंह
बेकाबू होती महंगाई ने आम आदमी के किचेन पर बोझ बढ़ा दिया है। महज सात दिनों में सब्जी, चावल, दाल व मसाले समेत किचेन से जुड़े अन्य सामग्रियों के दामों में काफी इजाफा हो गया है। स्थिति यह है कि घर घर में सबसे आम सब्जी आलू की कीमतें लगातार बढ़ने का सिलसिला जारी है। ऐसा तब है जबकि सूबे समेत देश भर में आलू का बंपर उत्पादन हुआ है। लेकिन आलू को स्टोर में भरने के कारण आलू की कीमतें बढ़ गई हैं। वहीं, काबुली चना, दाल, गोलकी मिर्च, जीरा से लेकर सभी प्रकार के मसाले में तेजी से किचेन का बोझ बढ़ गया है। एक सामान्य परिवार के किचेन में इन सामानों के दाम बढ़ने से एक हजार रुपए तक का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है।
12 मार्च को खुदरा बाजार में आलू की कीमतें खुदरा बाजार में आठ से 10 रुपए किलो थी। इसमें सफेद आलू आठ रुपए किलो था जबकि लाल आलू खुदरा में 10 रुपए किलो था। लेकिन हफ्ते दिन के भीतर ही आलू के दाम काफी तेज गए। अभी सफेद आलू 11 से 12 रुपए किलो पहुंच गया है जबकि लाल आलू 16 से 17 रुपए किलो बिक रहा है। यानी हफ्ते भर के भीतर आलू के दाम में डेढ़ गुना तक की बढ़ोतरी हो गई है। मीठापुर मंडी के थोक आलू विक्रेता रामप्रवेश कुमार बताते हैं कि आलू को गोदाम में स्टोरेज किए जाने के कारण मंडी में आवक घट गई थी। इसी कारण इसके दाम में बढ़ोतरी हो गई थी। लेकिन अब थोक में आलू के भाव कम हुए हैं, लेकिन खुदरा दुकानदार दाम करने में देरी करते हैं। उन्होंने बताया कि आलू की थोक कीमत फिलहाल आठ से 10 रुपए है जबकि खुदरा में 12 से 17 रुपए किलो। सफेद आलू 12 रुपए किलो जबकि लाल आलू 17 रुपए किलो बिक रहा है। वहीं, किचेन में काम आने वाले मसालों से लेकर दाल, काबुली चना, गोलकी मिर्च समेत सब्जियों के दाम भी बढ़े हैं। सबसे अधिक बढ़ोतरी काबुली चना में हुई है। हफ्ते भर में काबुली चना में प्रति किलो 20 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। जबकि चना दाल से लेकर अरहर दाल व उडद दाल भी महंगा हुआ है। मीठापुर के थोक किराना कारोबारी राकेश कुमार कहते हैं कि मसालों से लेकर दाल के दाम में बढ़ोतरी हुई है। कहा कि अभी कोरोना के कारण छोटे छोटे दुकानदार सामान को स्टॉक भी कर रहे हैं। वहीं, बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश तलरेजा ने बताया कि काबुली चना में सबसे अधिक 25 रुपए किलो तक की बढ़ोतरी हुई है। कहा कि काबुली चना की पैदावार कम होने के कारण कीमत बढ़ी है। हालांकि, प्याज के दामों में गिरावट का सिलसिला जारी है। शनिवार को प्याज की थोक कीमत 16 रुपए जबकि खुदरा में 25 रुपए किलो रहा।
चाट के चटकारे पर बढ़ी महंगाई
काबुली चना के भाव में बढ़ोतरी से चाट के चटकारे पर भी अंकुश लगना शुरू हो गया है। खास कर राजधानी के अलग अलग इलाके में समोसे व चाट की दुकानों से लेकर खोमचे वालों ने चाट व गोलगप्पे के दाम बढ़ा दिए हैं। मौर्यालोक में चाट बेचने वाले अनीश ने बताया कि पहले 25 रुपए में बेचने वाले चाट की कीमत पांच रुपए बढ़ाकर 30 रुपए कर दी है। वहीं, 10 में पांच गोलगप्पे की जगह अब तीन से चार गोलगप्पे ही खिला रहे हैं। हनुमान नगर के चाट विक्रेता राघेश्याम ने बताया कि 50 रुपए में फुल प्लेट का चाट अब 60 हो गया है। कहा कि रोज काबुली चना में ही उनका 300 रुपए का जबकि मसाले में 200 रुपए का खर्च हफ्ते भर में बढ़ गया है। ऐसे में 500 की बढ़ोतरी होने से सबके दाम बढ़ाए हैं। कमोबेश सभी इलाके में यही हाल है।
सामग्री के दामों की एक हफ्ते की तुलना
सामग्री 12 मार्च के दाम 20 मार्च के दाम
आलू (लाल) 10 17
आलू (सफेद) 08 11-12
गोलकी 440 480
जीरा 200 220
रहर 88 94
चना दाल 65-70 80
मसूर दाल 70 80
उडद 100 110
काबली चना 60 80-85
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