Hindi Newsबिहार न्यूज़पटनाPreparation for 21st Livestock Census in Bihar Counting Begins November 23

21 वीं पशुगणना : फरवरी तक गिनती, जून तक जारी होगी रिपोर्ट

बिहार में 21वीं पशुगणना की तैयारी पूरी हो गई है। गिनती 23 नवंबर से शुरू होगी और इसे 28 फरवरी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस बार गणना जीआईएस आधारित होगी और 2 करोड़ 60 लाख 71 हजार घरों में जाकर...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाMon, 18 Nov 2024 07:28 PM
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राज्य में 21वीं पशुगणना की तैयारी पूरी हो गई है। 23 नवंबर से राज्य में पशुओं की गिनती शुरू हो जाएगी। 28 फरवरी, 2025 तक गणना पूरी करने का लक्ष्य है। जून तक इसकी रिपोर्ट जारी होगी। गणना के बाद केंद्र और राज्य के अधिकारी आंकड़ों का का विश्लेषण और समीक्षा करेंगे। पशुओं की गिनती में त्रुटि नहीं रहे, इसके लिए कई स्तरों पर जांच भी होगी। इसके बाद ही राष्ट्रीय स्तर पर राज्यवार रिपोर्ट जारी होगी। पशुगणना के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बने एप पर राज्य के सभी गांवों और वार्डों की सूची अपलोड हो चुकी है। सभी जिलों में 7058 प्रगणक को पशुगणना की जिम्मेदारी दी गई है। पशुओं को टीका लगाने वाले कर्मी प्रगणक (गिनती करने वाला) बनाए गए हैं। 1320 पर्यवेक्षक, 38 जिला नोडल पदाधिकारी और एक राज्य नोडल पदाधिकारी भी पशुगणना का काम करेंगे। जिला पशुपालन पदाधिकारी 20 नवंबर तक प्रगणकों को गांव या वार्ड का आवंटित करेंगे। इसमें अगर त्रुटि है तो 22 नवंबर तक सुधार कराया जा सकता है। बिहार में 2 करोड़ 60 लाख 71 हजार घरों में जाकर पालतू पशुओं की गिनती होनी है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में 2 करोड़ 25 लाख 40 हजार घरों और शहरी क्षेत्र के 35 लाख 31 हजार घरों में प्रगणन जाएंगे। इस बार पशुगणना जीआईएस (ज्योग्राफिकल इनफोरमेशन सिस्टम) आधारित होगी। इसमें प्रगणकों को गांव और वार्ड के पशुपालकों के घरों पर जाकर ऑन द स्पॉट जानकारी मोबाइल एप में अंकित करना है। पशुगणना में गाय, भैंस, घोड़ा, कुत्ता, खच्चर, बकरी, गदहा, हाथी, सूअर, खरगोश, मुर्गी, भेड़ समेत 16 प्रजातियों के पशुओं की विस्तृत जानकारी ली जाएगी। पशु के नस्ल की विशेष पहचान के लिए इस बार प्रगणकों को एप के माध्यम से फोटो सहित जानकारी उपलब्ध करायी गई है।

देश में पहली पशुगणना 1919 में हुई थी

भारत में पहली पशुगणना 1919 में हुई थी। हर पांच वर्ष पर गणना होती है। पिछली बार 20वीं पशुगणना 2017 में शुरू हुई, लेकिन देरी के कारण 2019 में रिपोर्ट जारी हुई थी। इसके पहले 19वीं पशुगणना 2012 में हुई थी। 2019 की पशुगणना के अनुसार बिहार में गाय 1.53 करोड़, भैंस 77 लाख, घोड़े 32 हजार, गदहे 11 हजार, बकरी 1.28 करोड़ हैं।

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