पीपीयू के नए कुलपति के लिए डेढ़ सौ से अधिक दावेदार
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यकाल समाप्त हो गया है। नए कुलपति के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसमें बिहार और उत्तर प्रदेश के शिक्षकों ने भाग लिया है। कुलपति के पद के लिए लगभग...
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो गया। इस विश्वविद्यालय में नए कुलपति के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसमें जानकारों की मानें तो इस विश्वविद्यालय के कुलपति बनने के लिए बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश सहित कई दूसरे प्रदेशों के शिक्षकों ने आवेदन किया है। कुलपित के पद के लिए दावेदारों की फेहरिस्त काफी लंबी है। सूत्रों के मुताबिक इसमें लगभग डेढ़ सौ प्रोफेसरों, प्राचार्य और सेवानिवृत्त शिक्षक तक शामिल हैं। यहां तक की दूसरे विश्विद्यालयों में कुलपति की जिम्मेदारी संभाल रहे शिक्षाविद् इसमें अपनी दावेदारी कर रहे हैं। नए कुलाधिपति के आने के बाद कई आवेदन कर्ताओं में खुशी का माहौल है। कुलपति के चयन के लिए जल्द ही सर्च कमिटी बनाए जाने की उम्मीद है। सर्च कमिटी बनने के एक माह के भीतर नए कुलपति के नाम पर मुहर लग सकती है। हालांकि अभी तक आवेदनों की स्क्रूटनी काम काम शुरू नहीं हुआ है।
चार विश्वविद्यालयों को मिले नए कुलपति
नए कुलाधिपति के आते साथ ही चार विश्वविद्यालयों में कुलपति बना दिये गए। अब प्रोफेसरों के बीच चर्चा है कि जल्द ही पाटलिपुत्र विवि को भी स्थायी कुलपति मिल जाएगा। माना जा रहा कि जितनी जल्द स्थायी कुलपति की नियुक्ति होगी विश्वविद्यालय के लिए उतना ही बेहतर होगा। वर्तमान कुलपति प्रो. आरके सिंह ने अपने कार्यकाल में विश्वविद्यालय के एकेडमिक कैलेंडर को पटरी पर लाया है। यदि स्थायी कुलपति की नियुक्ति जल्द नहीं हुई तो कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं। शिक्षकों की प्रोन्नति के साथ पीएचडी परीक्षा में भी विलंब हो सकता है। विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठन भी चाहते हैं जल्द स्थायी कुलपति की नियुक्ति की जाए।
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