बाढ़ का पंडारक दियारा गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा, एक घंटे तक एसटीएफ से मुठभेड़
बाढ़। पंडारक दियारा में शनिवार की दोपहर को एसटीएफ और कुख्यात अपराधी रामजनम यादव गिरोह के बीच एक घंटे तक जमकर मुठभेड़ हुई। दोनो तरफ से सौ राउंड से ज्यादा गोलियां चलाई गई। गोलियों की तड़तड़ाहट से पंडारक...
बाढ़। पंडारक दियारा में शनिवार की दोपहर को एसटीएफ और कुख्यात अपराधी रामजनम यादव गिरोह के बीच एक घंटे तक जमकर मुठभेड़ हुई। दोनो तरफ से सौ राउंड से ज्यादा गोलियां चलाई गई। गोलियों की तड़तड़ाहट से पंडारक दियारा थर्रा उठा।
वहीं किसान इधर उधर जान बचाने के लिए छिप गए। पुलिस के भारी पड़ते ही अपराधी दियारा की भौगलिक स्थिति का फायदा उठाते हुए भागने में कामयाब हो गए। मौके पर तलाशी के दौरान पुलिस को तीन देसी राइफल, एक देसी पिस्तौल, एक दर्जन गोलियां, पांच खोखा तथा एलएमजी की टूटी हुई मैगजीन मिला है। मिली जानकारी के अनुसार पंडारक दियारा का आतंक माना जाने वाला कुख्यात अपराधी रामजनम यादव अपने गिरोह के साथ किसी शिकार की तलाश में था।
इसी बीच एसटीएफ को उसके दियारा में मौजूद होने की खबर मिल गई। पटना से कई वाहनों में एसटीएफ के कर्मी पहुंचकर पंडारक दियारा में करीब 1 बजे दिन में रामजनम यादव को पकड़ने के लिए जाल बिछाया इसी बीच एसटीएफ दस्ते को आते देख रामजनम यादव और उसके गुर्गों ने पॉजिशन लेकर गोलियां की बरसात कर दी।
इसके बाद एसटीएफ ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए कई गोलियां चलाई। एक घंटे तक पंडारक दियारा में गोलियों की आवाज सुनाई पड़ती रही। अपराधियों के भागने के रास्ते में पुलिस ने पीछा किया, लेकिन ग्रामीणों के खड़े होने और भौगोलिक स्थित ठीक नहीं होने के कारण अपराधियों को लाभ मिला और वे भागने में कामयाब हो गए। मुठभेड़ स्थल पर हथियार एवं खोखे मिले हैं। पुलिस ने दो घंटे तक दियारा को छान मारा लेकिन अपराधियों का सुराग नहीं मिल सका। इस घटना को लेकर ग्रामीण तथा किसान सहमे हुए हैं।
हत्या और रंगदारी रामजनम का है पेशा
कुख्यात अपराधी रामजनम यादव पंडारक थाने के लेमुआबाद सोनू टोला का निवासी है। इसने 20 साल पहले अपराध की दुनिया में कदम रखा था। इसकी उदय यादव के साथ वर्षों तक अदावत चली। रामजनम यादव पर 2001 से 2016 तक पंडारक और दीदारगंज थाने में 18 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसमें रंगदारी, हत्या, उत्पीड़न, अपहरण तथा दंगा करने जैसे गंभीर मामले हैं। फिलहाल ज्यादातर मुकदमों में वह जमानत पर है। वहीं 2016 में एनटीपीसी ठेकेदार से रंगदारी मांगने के मामले में रामजनम वांछित है।
वह कई साल तक हत्या के मामले में जेल में भी रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंडारक के दियारा के हजारों बीघा खेत पर अपनी हुकुमत रामजनम यादव चला रहा है। किसानों को डरा धमका कर लेवी वसूलना इसका मुख्य पेशा है। जमीन कब्जा कर उसपर खेती कर कमाई करना भी कई वर्षों से रामजनम यादव को भा रहा है। वही इसके आतंक के कारण सैकड़ों किसान आक्रांत है। दियारा में रामजनम की बिना राजमंदी की कोई किसान कुछ भी नहीं कर सकता है। एक वर्ष पूर्व भी दियारा में अपराधियों ने गोलियां चलाई थी।
भौगोलिक स्थिति से मिल रहा फायदा
पंडारक दियारा का क्षेत्र पटना और समस्तीपुर जिले की सीमा पर है। अपराधी इसकी भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाकर अपराध को अंजाम देकर सुरक्षित भाग निकलते हैं। वही पुलिस कोई भी कार्रवाई करने में अपने को सक्षम नहीं मान रही है। कुछ वर्ष पूर्व एक किसान की दियारा में गोली मारकर झोपड़ी में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कोई भी अपराधी गिरफ्तार नहीं हो सका था।
मुठभेड़ मामले में रामजनम पर एफआईआर
पंडारक थानाध्यक्ष दिवाकर विश्वकर्मा ने बताया कि मुठभेड़ को लेकर रामजनम यादव और उसके गुर्गों पर एफआईआर दर्ज की जा रही है। एसटीएफ की टीम में दारोगा अजीत सिंह सहित कई कर्मी थे। इनके बयान पर कार्रवाई की जा रही है।
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