राज्य में 13 लाख किसान ही केसीसी का करते हैं उपयोग : विनय सिन्हा
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के मुख्य महाप्रबंधक विनय कुमार सिन्हा ने बताया कि बिहार में 1.61 करोड़ पंजीकृत किसानों में से केवल 13 लाख किसान केसीसी का उपयोग कर रहे हैं। चालू वित्तीय वर्ष में...

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के मुख्य महाप्रबंधक विनय कुमार सिन्हा ने बताया कि बिहार में 1.61 करोड़ पंजीकृत किसान हैं। इनमें सिर्फ 13 लाख किसान ही केसीसी का उपयोग करते हैं। चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम छमाही में अबतक 5.50 लाख किसानों ने ही केसीसी से लेन-देन किया है, जबकि, केन्द्र सरकार ने केसीसी की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी है। तब भी राज्य में केसीसी की संख्या लगातार घटती जा रही है। बुधवार को सिन्हा ने ज्ञान भवन परिसर स्थित सभागार में नाबार्ड की ओर से आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में ये बातें कही। उन्होंने कहा कि बैंकों की ओर से लोन दिए जाने में आनाकानी करने का ही परिणाम है कि नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) और एमएफआई (माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन) द्वारा दिए जाने वाला लोन बढ़ रहा है। हद तो यह है कि इनके द्वारा बहुत अधिक ब्याज दर पर लोन दिया जाता है। इसके बाद भी किसान उनकी ओर ही आकर्षित हैं। इन वित्तीय संस्थानों का खाता भी जल्दी एनपीए नहीं होता है। यह बैंककर्मियों के लिए विचार करने की बात है।
उन्होंने बताया कि 2025-26 में प्राथमिक क्षेत्र में बैंकों को 2.65 लाख करोड़ का लोन वितरण करने का लक्ष्य दिया गया है। जो कि वर्ष 2024-25 की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है। 2024-25 में बैंकों को 2.43 लाख करोड़ का लोन देने का लक्ष्य दिया गया था। उन्होंने राज्य की आवश्यकताओं के मद्देनजर बैंकों को निर्धारित लक्ष्य के अनुसार ही लोन वितरित करने पर जोर दिया। कहा कि बिहार में विकास की असीम संभावनाएं हैं, इसे बैंक अपने लिए एक अवसर के रूप में भी देख सकते हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।