अनदेखी: कैंसर पीड़ित बच्चे का शव कंधे पर घर ले गए परिजन
आईजीआईएमएस में बुधवार को एक पिता ने पांच वर्षीय पुत्र की मौत होने पर शव घर ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगा तो उसे नहीं मिला। पिता बेटे का शव कंधे पर लेकर लगभग एक किलोमीटर तक गए। बाद में शव को प्राइवेट...
आईजीआईएमएस में बुधवार को एक पिता ने पांच वर्षीय पुत्र की मौत होने पर शव घर ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगा तो उसे नहीं मिला। पिता बेटे का शव कंधे पर लेकर लगभग एक किलोमीटर तक गए। बाद में शव को प्राइवेट वाहन से परिजन मोकामा ले गए। मामला मीडिया में आया तो आनन-फानन आईजीआईएमएस प्रशासन ने अपर चिकित्सा अधीक्षक को हटा दिया जबकि तीन स्टाफ नर्स को शोकॉज जारी किया है। मोकामा के राजेंद्र कुमार का पांच वर्षीय पुत्र स्मिथ कुमार को फेफड़े का कैंसर हो गया था।
उसे 21 जुलाई को कैंसर रोग विभाग में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर फेफड़े में चारों ओर फैल गया था। मुख्यमंत्री सहायता कोष से बच्चे के उपचार के लिए 50 हजार रुपये मिला था। अनुदान की राशि में से 10 हजार रुपये खर्च हुआ था जबकि 40 हजार शेष बचा हुआ है। अपराह्न तीन बजे बच्चे की मौत हो गई। पिता राजेंद्र कुमार का आरोप है कि उन्होंने बच्चे के शव को घर ले जाने के लिए अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय कुमार से एंबुलेंस की मांग की लेकिन उन्होंने देने से इंकार कर दिया।
बाद में वे स्टाफ नर्स से अनुरोध किए कि बच्चे का शव ले जाने के लिए किसी तरह एंबुलेंस का उपाय किया जाए। आरोप है कि स्टाफ नर्सों ने उनके साथ र्दुव्यवहार किया। बाद में बेटे के शव को कंधे पर उठाकर संस्थान के मुख्य गेट तक ले गए। मामला प्रकाश में आया तो संस्थान के अधिकारी हरकत में आए और अपर चिकित्सा अधीक्षक समेत चार पर कार्रवाई की गई।
सीएम के आदेश की हुई अवहेलना: गत जून में पूर्णिया जिले में एंबुलेंस नहीं मिलने पर एक पति द्वारा पत्नी का शव बाइक से ले जाने के मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया था। बाद में सीएम नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिया था कि अस्पताल से शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की जाए। यदि एंबुलेंस अस्पताल में उपलब्ध नहीं है तो किराए के वाहन पर शव को अंत्येष्टि के लिए भेजा जाए। सीएम के आदेश के बाद भी आईजीआईएमएस के अधिकारियों ने उसका अनुपालन नहीं किया।
बच्चे के शव को घर नहीं ले जाने के मामले में निदेशक ने जांच का आदेश दे दिया है। चिकित्सा अधीक्षक डा पीके सिन्हा मामले की छानबीन करेंगे। अगले तीन दिन में रिपोर्ट देना है। चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि सभी पहलू पर छानबीन की जाएगी। बच्चे के बीएचटी और सीसीटीवी फूटेज का भी सहारा लिया जाएगा ताकि बच्चे के परिजन की तस्वीर के आधार पर आरोपी की पहचान की जा सके।
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