सरस्वती पूजा पर 300 दंडाधिकारी और डेढ़ हजार पुलिस की तैनाती
सरस्वती पूजा के दौरान पटना में सुरक्षा के लिए 300 से अधिक दंडाधिकारी और 1500 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जाएगी। जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम और...
- संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी और ड्रोन से होगी निगरानी - जिलाधिकारी और एसएसपी ने अधिकारियों के साथ की बैठक
पटना, प्रधान संवाददाता। सरस्वती पूजा पर जिले में 300 से अधिक दंडाधिकारी की तैनाती की जाएगी। डेढ़ हजार पुलिसबल तैनात रहेंगे। संवेदनशील इलाके में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी होगी। बुधवार को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी अवकाश कुमार ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की।
डीएम ने सभी एसडीएम और डीएसपी से कहा कि पिछले कई वर्षों में देखा गया है कि सरस्वती पूजा के दौरान दो गुटों में लड़ाई हो गई थी। कई जगहों पर तो हिंसक झड़प तक देखा गया है। ऐसे इलाकों या स्थान को चिह्नित कर पहले ही सुरक्षा के कड़े प्रबंध रखें। जिला नियंत्रण कक्ष में भारी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट रहेंगे, जो इलाके संवेदनशील हैं वहां की गतिविधियों पर अभी से स्थानीय थानेदार नजर रखें। 10 जगहों पर कृत्रिम तालाब बनाने की तैयारी चल रही है, जहां मूर्ति विसर्जन किया जाएगा। पटना शहर में 100 ऐसे जगह चिह्नित किए गए हैं, जहां चौबीस घंटे मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की तैनाती रहेगी। इस अवसर पर आगामी महा शिवरात्रि को लेकर भी डीएम और एसएसपी ने दीघा विधायक डॉ. संजीव चौरसिया के साथ चर्चा की गई। विधायक ने शिवरात्रि के अवसर पर कितने पूजा समितियों द्वारा जुलूस निकाला जाएगा इसकी जानकारी दी।
होटल, लॉज और हॉस्टल की होगी जांच : जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम और डीएसपी को निर्देश दिया है कि अपने अपने क्षेत्र के संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतें। विभिन्न इलाकों में पैदल फ्लैग मार्च करें। होटल, लॉज, हॉस्टल की नियमित जांच करें। संदेहास्पद गतिविधियों पर लगातार नजर रखें। मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारी तथा थानाध्यक्ष नियमित भ्रमण करें। शत-प्रतिशत पूजा समिति को अनुज्ञप्ति निर्गत करें। किसी भी परिस्थिति में बिना अनुज्ञप्ति की प्रतिमा या पंडाल की स्थापना नहीं होने दें। जुलूस निकालने के लिए जिस आधार पर अनुज्ञप्ति दी जाएगी उसका पालन थाना प्रभारी अपने स्तर से कराएं।
डीजे प्रतिबंधित रहेगा : जिलाधिकारी ने कहा कि पर्व-त्योहार के अवसर पर लाउडस्पीकर सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक ही निर्धारित डेसिबल के अनुरूप बजाया जा सकता है। सरस्वती पूजा में डीजे पर किसी भी परिस्थिति में पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं डीएसपी इसे सुनिश्चित कराएंगे। किसी प्रकार के आपदा से निपटने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम तैनात रहेगी। मूर्ति विसर्जन के दौरान नदी में बिना अनुमति के नाव परिचालन पर रोक रहेगा।
प्रत्येक पूजा समिति 20 सक्रिय कार्यकर्ताओं की सूची बनाए : डीएम ने थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी और एसडीएम को अपने अपने क्षेत्र में पूजा समितियों के सक्रिय कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करने को कहा है। पूजा समितियों के पदाधिकारियों के साथ शांति समिति की बैठक करें। शांति समिति में स्थानीय स्तर पर सक्रिय युवाओं को शामिल करें। हर अनुमंडल में सरस्वती पूजा के अवसर पर व्हाट्एप ग्रुप को सक्रिए रखें, जिसमें अधिकारियों के साथ स्थानीय स्तर पर सक्रिय युवा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी रहेंगे। पूजा के दौरान आपत्तिजनक स्लोगन, कार्टून इत्यादि पर रोक है। आतिशबाजी पर भी प्रतिबंध है।
किसी प्रकार की सूचना कंट्रोल रूम को दें : डीएम ने कहा कि किसी भी प्रकार की संदेहास्पद सूचना जिला नियंत्रण कक्ष (दूरभाष संख्या 0612-2219234 या 2219810) और आपात नम्बर सेवा 112 पर तुरत दें। जिला स्तर से तुरंत कार्रवाई की जाएगी। अफवाह फैलानेवालों के विरुद्ध त्वरित और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यथेष्ट प्रशासनिक सतर्कता, निरोधात्मक एवं सुरक्षामूलक कार्रवाई की जाएगी। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा के अंतर्गत त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
सजावटी सामग्री को कृत्रिम तालाब में विसर्जित करें : डीएम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के हित में सरस्वती पूजन के अवसर पर बिहार (पूजा के उपरांत मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया) नियमावली, 2021 का क्रियान्वयन करें। प्राकृतिक जल निकायों में मूर्ति एवं उसके सजावटी सामग्रियों के विसर्जन से जल प्रदूषण का कारण बनता है। इसलिए कृत्रिम तालाबों में ही मूर्तियों का विसर्जन करें। नगर निकायों की ओर से मूर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम घाटों का निर्माण किया जाएगा। इसलिए गंगा नदी या अन्य जगहों पर विसर्जन नहीं करें।
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