राज्य भर के शहरी क्षेत्र में जीविका समूह से जुड़ीं 3.8 लाख दीदियां
जीविका ने शहरी क्षेत्र की महिलाओं को समूह बनाने का अवसर दिया है। अब तक तीन लाख से अधिक दीदियां जुड़ चुकी हैं, जिन्होंने 36 हजार स्वयं सहायता समूह बनाए हैं। जीविका उन महिलाओं को समर्थन देती है जो घरेलू...

जीविका ने शहरी क्षेत्र की महिलाओं को जुड़ने का मौका दिया तो महिलाएं आगे बढ़कर समूह बना रही हैं। राज्य भर की बात करें तो शहरी क्षेत्र में जीविका समूह से तीन लाख आठ हजार दीदियां जुड़ चुकी हैं। इन दीदियों ने मिलकर 36 हजार स्वयं सहायता समूह बनाया है। शहरी क्षेत्र में अत्यंत गरीब महिला को समूह से जोड़ा जाता है। जीविका की ओर से ऐसी महिलाओं को चिह्नित किया जा रहा है जिनके अंदर हुनर है और वे अपनी इच्छाशक्ति से कुछ करना चाहती हैं। बता दें कि अब तक जीविका का काम ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का समूह बनाना था, लेकिन शहरी क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में ऐसी गरीब महिला हैं जो जीविकापार्जन से जुड़ना चाहती हैं। ऐसी महिलाओं को जीविका मित्र द्वारा समूह बनाने में मदद की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में कुल दस लाख 63 हजार दीदियों का समूह हैं। इसमें एक करोड़ 35 लाख जीविका दीदी अपना जीविकोपार्जन कर रही हैं। जीविका से हर साल एक लाख के लगभग महिलाएं जुड़ती हैं। ये ऐसी महिलाएं हैं जो अपना जीविकापार्जन खुद करना चाहती हैं।
शहरी क्षेत्र में स्लम बस्ती की महिलाओं को जोड़ा जा रहा जीविका से : शहरी क्षेत्र में स्लम बस्ती में रहने वाली ऐसी महिलाएं जो घरेलू हिंसा से पीड़ित हैं। अपने परिवार के भरण पोषण के लिए कुछ करना चाहती हैं। ऐसी महिलाएं जिनका परिवार देसी शराब के उत्पादन से पहले जुड़ा था। ऐसी महिलाएं जीविकोपार्जन कर सकें। उनका समूह बनाया जा रहा है। ऐसी महिलाओं को जीविका द्वारा अधिकतम दो लाख रुपये की राशि दी जा रही है। अब तक दो लाख से अधिक महिलाओं को राशि दी गयी है, जिससे संबंधित महिलाएं अपना रोजगार शुरू कर रही है।
राज्य की दस हजार से अधिक जीविका मित्र कर रहीं मदद : जीविका समूह की जानकारी देना। समूह से जुड़ने के बाद उनके दायित्व की जानकारी देना। समूह के माध्यम से उन्हें लोन मिलने की प्रक्रिया बताना आदि के बारे में दीदियों की मदद जीविका मित्र कर रही है। राज्य भर में दस हजार से अधिक जीविका मित्र हैं। जीविका मित्र की ओर से समूह का गठन और फिर दीदियों को प्रशिक्षित करती हैं। अनपढ़ जीविका दीदी को साक्षर बना रही हैं जिससे महिलाएं ऑनलाइन लेनदेन कर सकें।
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शहरी क्षेत्र में भी जीविका दीदियों का समूह बनाया जा रहा है। बड़ी संख्या में महिलाएं जीविका से जुड़ रही हैं। अब तक तीन लाख से अधिक महिलाएं जीविका से जुड़ चुकी हैं। ऐसी महिलाएं जो स्वरोजगार करना चाहती हैं, उन्हें जीविका से जुड़ने का मौका दिया जा रहा है।
हिमांशु शर्मा, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जीविका
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