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आबादी के हिसाब से शहरों को मिलेंगी ई-बसें

बिहार के शहरों को उनकी जनसंख्या के अनुसार ई-बसें मिलेंगी। 20 से 40 लाख की जनसंख्या वाले शहरों को 150, 10 से 20 लाख वाले शहरों को 100 और 5 लाख तक की जनसंख्या वाले शहरों को 50 बसें दी जाएंगी। पटना में...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाMon, 24 Feb 2025 05:31 PM
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आबादी के हिसाब से शहरों को मिलेंगी ई-बसें

प्रदेश के शहरों को आबादी के हिसाब से ई-बसें मिलेंगी। बसों की संख्या का निर्धारण शहरों की आबादी पर निर्भर करेगा। इसमें 20 से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, जबकि 10 से 20 लाख की आबादी वाले शहरों को 100 और पांच लाख तक की आबादी वाले शहरों को 50 ई-बसें मिलेंगी। इस मानक पर फिलहाल पटना में सौ से अधिक, जबकि मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया जैसे शहरों में 50-50 बसों का परिचालन किया जाएगा। दरअसल, पिछले दिनों कैबिनेट ने छह प्रमुख शहरों पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया के लिए 400 इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन को मंजूरी दी थी। इसमें पटना के लिए 150 बसें, जबकि अन्य पांच शहरों के लिए 50-50 बसें परिचालित होंगी। इस योजना का 60 फीसदी हिस्सा केंद्र और 40 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी।

विभाग के अधिकारी के अनुसार इन छह शहरों में योजना के क्रियान्वयन के बाद राज्य के अन्य शहरों में भी चरणबद्ध रूप में पीएम ई-बस योजना लागू होगी। इसी आधार पर सूबे के बड़े और महत्वपूर्ण शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन की तैयारी है। परिवहन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सभी बड़े शहरों की जरूरतों का आकलन किया जाएगा। माना जा रहा है कि यहां 25 से 50 बसों का परिचालन होगा।

इसके पीछे मूल उद्देश्य शहरों में परिवहन व्यवस्था को दुरूस्त करना है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था दुरूस्त होने से सड़कों पर वाहनों का अत्यधिक दबाव नहीं होगा और सामान्य लोग भी इसका सीधा लाभ ले सकेंगे। इसके पहले विभाग प्रखंड और ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था बेहतर करने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना और प्रखंड परिवहन योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है।

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