विश्वविद्यालयों में खोला जाएगा देवनागरी लिपि विभाग
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग देशभर में स्थानीय बोलियों को संरक्षित करने के कई कार्यक्रमों की शुरुआत कर रहा है। इसी क्रम में आयोग ने विश्वविद्यालयों की मदद से देवनागरी भाषा को संरक्षित करने की पहल की है।...
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग देशभर में स्थानीय बोलियों को संरक्षित करने के कई कार्यक्रमों की शुरुआत कर रहा है। इसी क्रम में आयोग ने विश्वविद्यालयों की मदद से देवनागरी भाषा को संरक्षित करने की पहल की है। इसके अनुसार अब विश्वविद्यालयों को अपने यहां देवनागरी लिपि विभाग खोलना होगा। इसे लेकर यूजीसी ने देश के सभी विवि को पत्र जारी किया है। इसे लेकर जरूरी सूचनाएं मांगी गई हैं। बोलियों को संरक्षित रखने के उद्देश्य से यूजीसी ने देवनागरी लिपि को आधार बनाया है। इसके लिए सभी केंद्रीय, राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों और इनके समकक्ष संस्थानों में देवनागरी लिपि विभाग स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।आयोग ने मांगा प्रास्ताव प्रारूपयूजीसी ने देवनागरी लिपि विभाग खोलने के लिए विश्वविद्यालयों को 30 जून तक का वक्त दिया है। इसमें सभी विवि को अपना प्रस्ताव आयोग के साथ राजभाषा अनुभाग को ई-मेल द्वारा rajbhasha.ugc@gmail.com पर भेजना होगा। इसमें हिंदी विभाग की स्थिति, पिछले पांच साल की गतिविधियां, सर्वेक्षण और शोध का ब्योरा मांगा गया है। बता दें कि यूजीसी ने रिपोर्ट भेजने के लिए पहले 4 जून का वक्त दिया था, जिसे बढ़ाकर अब 30 जून किया गया है।
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