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बिहार में अपराध की घटनाओं में कमी आई : बिजेन्द्र

बिहार में आपराधिक घटनाओं में कमी हुई है। साल 2019 में अपराध दर 2.61 फीसदी था जो घटकर 2020 में 2.56 हो गया। मंगलवार को विधानसभा में गृह विभाग के...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाWed, 17 March 2021 03:01 AM
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बिहार में आपराधिक घटनाओं में कमी हुई है। साल 2019 में अपराध दर 2.61 फीसदी था जो घटकर 2020 में 2.56 हो गया। मंगलवार को विधानसभा में गृह विभाग के आय-व्यय पर हुए विवाद के बाद सरकार की ओर से उत्तर देते हुए प्रभारी मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने आंकड़ों के आधार पर यह दावा किया। कहा कि साल 2019 में राज्य का संज्ञेय अपराध दर 224.04 था, जो साल 2020 में घटकर 209.17 हो गया। पहले बिहार में मुकदमा भी दर्ज नहीं होता था। लेकिन अब सरकार की नीति है कि अपराध का मुक्त रूप से पंजीकरण हो और उसका अनुसंधान त्वरित व प्रभावकारी तरीके से हो।

मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के अनुसार 2019 में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार कुल संज्ञेय अपराधों का राष्ट्रीय अपराध दर यानी एक लाख की जनसंख्या पर 385.7 है जबकि 224 अपराध दर के साथ बिहार देश में 25वें स्थान पर है। सरकार हरेक जिले में महिला थाना, एससी-एसटी थाना कार्यरत है। पुलिस अधिकारी जनता दरबार में शिकायत सुन रहे हैं। इससे लोगों में अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ी है और लोग बिना भय के एफआईआर कर रहे हैं। यही कारण है कि साल 2005 में 97850 कांड दर्ज हुए तो 2019 में 197935 कांड दर्ज हुए। 2005 की तुलना में 2019 में दर्ज अपराधों में 102.84 फीसदी की वृद्धि हुई है। बिहार का हत्या, अपहरण व डकैती में 10वां, लूट में 12वां, गृहभेदन में 29वां, चोरी में 13वां, बलात्कार में 31वां स्थान है।

मंत्री ने कहा कि एक समय फिरौती के लिए बिहार चर्चित रहा है। 2005 में फिरौती हेतु अपहरण के 251 कांड दर्ज हुए। 2020 में मात्र 42 कांड दर्ज हुए। इसमें 46 अपहरणकर्ताओं में 45 की सकुशल बरामदगी हुई। 115 अपराधकर्मियों को गिरफ्तारर किया गया। सभी कांडों का उद्भेदन हुआ। अनुसंधान व विधि-व्यवस्था को पृथककरण किया गया। इसके बाद 4661 पुलिस अधिकारियों को अनुसंधान तो विधि व्यवस्था में 2797 पुलिस पदाधिकारी लगाए गए।

विस चुनाव के समय सवाल उठाने वालों को जवाब देते हुए कहा कि दावा किया जा रहा था कि लाखों लोगों की मौत हो जाएगी। शांतिपूर्ण चुनाव कराकर सरकार ने दिखा दिया। चुनाव आयोग ने सराहना की। सरकार के अधिकारियों को पुरस्कार दिया गया। अब बंगाल चुनाव में बिहार से सीखने की बात चुनाव आयोग कह रहा है।

पूर्ववर्ती सरकार पर हमला करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार पुलिस की बहाली नहीं कर पाई थी। सेवानिवृत्त सैनिकों को बहाल कर सैप बटालियन बनाया गया। स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं व दलितों को आरक्षण मिलने से समाज सशक्त हुआ और नक्सल व अन्य घटनाओं में कमी आई। पहले पटना के आसपास भी चलने में लोग डरते थे। अब दूरदराज गांवों में भी लोग बेखौफ होकर जीवन यापन कर रहे हैं। साइबर अपराध रोकने को अलग यूनिट बनाए गए हैं। मंत्री के जवाब के बाद सदन से गृह विभाग का 13 हजार 973 करोड़ 24 लाख का बजट पारित हो गया।

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