चौथी और पांचवीं कक्षा के बच्चों को भी दी जाएगी कम्प्यूटर शिक्षा
राज्य के सरकारी स्कूलों में चौथी और पांचवीं कक्षा के बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने इस पहल की शुरुआत की है। डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि अन्य सुधारों के साथ, सभी बच्चों का...
राज्य के सरकारी स्कूलों में चौथी और पांचवीं के बच्चों को भी कम्प्यूटर की शिक्षा दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू की है। यह जानकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने दी। वे शनिवार को ‘शिक्षा की बात के एपिसोड-2 में शिक्षकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि अभी 6 से 8 तक के लिए सरकार ने एक किताब प्रकाशित की है। इसे आगे और विस्तारित किया जाएगा। हालांकि, यह व्यवस्था सिलसिलेवार तरीके से नीचे के वर्गों में प्रयुक्त होगा। पहले वर्ग 4 और 5 के बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा मिलेगी। फिर आगे इसे और विस्तारित करेंगे। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मीड डे मील योजना को लेकर विभाग पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। प्रयोग सफल रहा तो चरणबद्ध तरीके से मीड डे मील योजना से प्रधानाध्यापक पूरी तरह हट जाएंगे। हमने इसको लेकर अन्य राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन किया है। वहां प्रधानाध्यापक यह कार्य नहीं करते हैं। हमने 10 जिलों में दो-दो पंचायतों में यह प्रयोग शुरू किया है। परिणाम सफल रहा तो सभी विद्यालयों से प्रधानाध्यापकों को इस कार्य से मुक्त किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि स्कूली बच्चों के शैक्षिक किट में अगले साल से दो अतिरिक्त कॉपियां होंगी। स्कूल निरीक्षण के क्रम में उन्होंने देखा है कि अभी बच्चे एक ही कॉपी में कई विषयों का काम कर रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों से भी बच्चों को कॉपी देने की अपील की और कहा कि छात्रवृत्ति की राशि को शैक्षिक कार्यों में खर्च करें।
संगीत शिक्षा की पहल करें हेडमास्टर : एक अन्य सवाल के जवाब में डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि प्रधानाध्यापक संगीत शिक्षा को अनिवार्य करने की पहल करें। मुख्यालय बेवजह हस्तक्षेप नहीं करना चाहता। उन्होंने शिक्षकों से बगैर किसी भेदभाव के शैक्षिक कार्यों में जुटने की अपील की और कहा कि सरकारी स्तर पर उनके बीच कोई भेदभाव नहीं है। लिहाजा, कागजी भेदभाव से दूर रहकर सिर्फ शैक्षिक कार्य करें।
दिसंबर तक स्कूलों में नामांकित सभी बच्चों का बन जाएगा आधार : डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि स्कूलों में नामांकित सभी बच्चों का दिसंबर तक आधार बन जाएगा। विभाग ने यह लक्ष्य लेकर काम शुरू किया है। हमने पहले बगैर आधार के भी बच्चों का नामांकन लिया था। अब स्कूलों में पढ़ रहे सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से आधार बनवाना है। इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि आधार बनवाने के लिए आगे भी बच्चों के अभिभावकों को जन्म प्रमाण पत्र समेत सारी औपचारिकताएं पूरी करनी होगी। इसे बेहद गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
हाईस्कूल के बाद निचले वर्गों में भी लगेगा सीसीटीवी : एक सवाल के जवाब में डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि हाईस्कूल के बाद निचले वर्गों में भी सीसीटीवी लगाने की योजना पर काम होगा। हाईस्कूल में सीसीटीवी का प्रयोग सफल रहा है। लिहाजा इसे आगे विस्तारित करने की योजना है। चरणबद्ध तरीके से नीचे के वर्गों में इसे लगाने की योजना है। वर्ग 8, 9, 10 व 11 में सीसीटीवी लगाए जाएंगे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि शैक्षिक किट व डायरी को लेकर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यही नहीं शैक्षिक किट का प्रयोग करने को प्रधानाध्यापक को विशेष निर्देश दिया गया है। विद्यालय विलंब से पहुंचने के एक सवाल पर डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग का गाइडलाइन स्पष्ट है। उसमें सारी चीजें स्पष्ट हैं। वही आधार होगा। उसमें छूट से लेकर कितने दिनों तक विलंब से आने पर राहत मिलेगी, सभी मापदंड निर्धारित हैं।
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