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पटना-राजगीर में इस साल काम करने लगेंगी साइबर फॉरेंसिक लैब

राजगीर के बिहार पुलिस अकादमी में इस वर्ष साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना की जाएगी। 14 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस लैब में एनएफएसयू मदद करेगा। इससे साइबर अपराध की जांच में तेजी आएगी और प्रमाणिक...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाSun, 4 May 2025 06:28 PM
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पटना-राजगीर में इस साल काम करने लगेंगी साइबर फॉरेंसिक लैब

पटना के साथ ही राजगीर के बिहार पुलिस अकादमी परिसर में इस साल साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना कर ली जायेगी। 14 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस लैब में गांधीनगर का प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) मदद कर रहा है। राज्य सरकार ने एनएफएसयू को परामर्शी बनाया है। समझौते के मुताबिक एनएफएसयू साइबर अपराध से जुड़े मामलों की जांच के लिए न सिर्फ लैब में आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था करेगा, बल्कि पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण में भी सहयोग करेगा। उनके द्वारा लगभग एक दर्जन साइंटिफिक अफसर व साइबर एक्सपर्ट की सेवाएं दी जाएंगी। बढ़ेगी केसों के निष्पादन की गति : ईओयू सूत्रों के मुताबिक साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना होने पर साइबर अपराध से जुड़े मामलों में प्रमाणिक रिपोर्ट उपलब्ध हो सकेगी।

रिपोर्ट को न्यायालय में साक्ष्य के तौर पर पेश किया जा सकेगा, जिससे केसों के निष्पादन की गति बढ़ेगी। वर्तमान में सिर्फ पटना में ही साइबर अपराध से जुड़े कुछ मामलों की जांच संभव हो पा रही है। गंभीर मामलों की जांच के लिए सैंपल दूसरे राज्यों में भेजना पड़ता है, जिससे जांच पूरा होने में काफी समय लगता है। इसको देखते हुए पटना के फॉरेंसिक लैब में साइबर जांच की यूनिट लगाने पर भी काम किया जा रहा है। राजगीर में खुली सूबे की चौथी फॉरेंसिक लैब : आपराधिक घटनाओं की वैज्ञानिक जांच के लिए सूबे की चौथी फॉरेंसिक लैब (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) राजगीर पुलिस अकादमी में प्रारंभ हो गई है। शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने इसका शुभारंभ किया। पटना, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के बाद राजगीर में चौथे फॉरेंसिक लैब की शुरुआत हुई है। इससे नालंदा, नवादा, शेखपुरा और लखीसराय जिलों के आपराधिक मामलों की जांच क्षेत्रीय स्तर पर संभव हो सकेगी। पहले ऐसे मामलों की जांच के लिए पटना से एफएसएल की टीम को बुलाया जाता था। राजगीर में इसकी स्थापना होने से समय की बचत होगी। मालूम हो कि सात साल से अधिक सजा वाले मामलों में फॉरेंसिक जांच जरूरी है। नये आपराधिक कानून के लागू होने के बाद यह जांच का अहम हिस्सा बन गया है।

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